tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post1162978033612121045..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: खुरदरी आवाज़ का जादूSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-76185442004496285242008-04-06T13:34:48.621+02:002008-04-06T13:34:48.621+02:00सही कहा उषा उत्थुप पहले उषा अय्यर थीं । और राहुल ...सही कहा उषा उत्थुप पहले उषा अय्यर थीं । और राहुल देव बर्मन की अभिन्न मित्र । आपको अगर याद हो तो मशहूर पॉप सॉंग when it tuesday it must be rome पर उन्होंने पंचम से 'शहर की गलियों में जब अंधेरा होता है' जैसा गाना बनवाया था । पंचम के कई कई गानों की प्रेरणा ऊषा उत्थुप रही हैं । पिछले साल या दो साल पहले उनके कुछ अलबम आए थे । वो अभी भी वैसे ही गाती हैं । लता जी के जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम में उषा उत्थुप ने बिंदिया चमकेगी जैसा गीत अपने ही अंदाज में गाया था ।yunushttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-54995780368342246092008-04-06T14:09:42.033+02:002008-04-06T14:09:42.033+02:00मुझे तो यह शीर्षक बहुत पसन्द आया - खुरदरी आवाज का ...मुझे तो यह शीर्षक बहुत पसन्द आया - खुरदरी आवाज का जादू। पेयर्स ऑफ अपोजिट्स का अपना अन्दाज है और अपना आकर्षण। मधुर आवाजें तो नॉर्म हैं। खुरदरी आवाज - वण्डरफुल! <br>कभी सुनूंगा इन उत्थप जी को, इत्मीनान से!ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-28223221234464801112008-04-06T15:09:07.774+02:002008-04-06T15:09:07.774+02:00ये तो चीनी भाषा में भी गा लेती है. बहुत कम गायक इत...ये तो चीनी भाषा में भी गा लेती है. बहुत कम गायक इतनी भाषाओं में गाते है. <br><br>खुरदुरी अवाज का जादू...बहुत सही.संजय बेंगाणीhttp://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-10488349153660850442008-04-07T09:13:01.303+02:002008-04-07T09:13:01.303+02:00शीर्षक आपने वाकई शानदार दिया है!!बचपन में जब सिर्फ़...शीर्षक आपने वाकई शानदार दिया है!!<br>बचपन में जब सिर्फ़ दूरदर्शन था, कभी कभी उषा उत्थुप जी गाते दिख जाती थी, देखने सुनने मे में अलग ही आकर्षण जैसा कि आपने लिखा है बड़ी सी बिंदी के साथ साड़ी पहन कर अंग्रेजी गाना। एक अलग ही आकर्षण , और उपर से इनकी आवाज़!!Sanjeet Tripathihttp://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.com