tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post1299501534755479551..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: फुरसत के दिनSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-78274218343390823512006-05-28T08:43:43.846+02:002006-05-28T08:43:43.846+02:00सुनील जी,एक बात बताईये, इस बात से क्या फ़र्क पड़ता ह...सुनील जी,<br>एक बात बताईये, इस बात से क्या फ़र्क पड़ता है कि मछलियों को खाने के लिये ना सही सिर्फ़ खेलने के लिये पकड़ा. <br>मछली पकड़ने का काँटा जो होता है, जिसमें चारा लगा कर पानी में डाला जाता है, वो तो कोई रियायत नहीं करेगा कि भई मछली को सिर्फ़ खेलने के लिये पकडा जा रहा है..वह तो उसी शिद्दत से मछली के तालू में घुसेगा और मछली को घायल करेगा.<br><br>अब एक घायल मछली को वापस पानी में डाल देना कुछ समझ नही आता...वो तो शायद वैसे ही थोडे समय बाद मर जायेगी..<br><br>नहीं क्या??<br><br>याने बकरा भी कट गया और खाने वाले को मज़ा भी नही आया.<br>(वैसे मुझे तो चिकन से ज्यादा मछली ही अच्छी लगती है :) )विजय वडनेरेhttp://www.blogger.com/profile/17831681213658005534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-89664143905108463462006-05-28T10:02:56.836+02:002006-05-28T10:02:56.836+02:00Ek lamha aata hai, ek lamha jaata,Ek yaad aati hai...Ek lamha aata hai, ek lamha jaata,<br>Ek yaad aati hai, ek yaad jaati.<br><br>Waqt yeh muaah, aaraam kyun nahin karta!<br><br>Zindagi ki is bhag daud mein fursat ke kuch kshanon pa hil liye aapne.Manish Kumarhttp://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-14088462374191234332006-05-28T13:48:47.500+02:002006-05-28T13:48:47.500+02:00आपकी छुटटियाँ शेर करने के लिए शुक्रिया तस्वीरें भी...आपकी छुटटियाँ शेर करने के लिए शुक्रिया तस्वीरें भी खूबसूरत हैं। यहां भी अकसेर लोगों को मछलियाँ पकडने का शौक है, अब मैं भी इस शौक को पूरा करने की सूच रहा हूं।SHUAIBhttp://shuaib-hindi.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-90810584811517958012006-05-29T06:32:43.200+02:002006-05-29T06:32:43.200+02:00विजय जी आप के प्रश्न का ठीक से उत्तर देने की जानका...विजय जी आप के प्रश्न का ठीक से उत्तर देने की जानकारी मुझे नहीं है. मैंने जो देखा सुना, वह लिख दिया. वहाँ देखा कि लोग बड़ी बड़ी मछलियाँ पकड़ रहे थे, पर कुछ ही देर में वे उन्हें वापस पानी में छोड़ देते थे, उस समय तो मछलियाँ बड़ी फुर्ती से वापस पानी में जाती थीं. वे घायल होती थीं या बाद में मर जाती हों, यह नहीं मालूम.<br>सुनीलSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-3216801420902438102006-05-30T21:58:53.616+02:002006-05-30T21:58:53.616+02:00विवरण अच्छा है और तस्वीरें सुंदर।विवरण अच्छा है और तस्वीरें सुंदर।ई-छायाhttp://www.blogger.com/profile/15074429565158578314noreply@blogger.com