tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post2345939148931077407..comments2024-03-06T10:19:09.646+01:00Comments on जो न कह सके: गोरी, गोरी, ओ बाँकी छोरीSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-36454875350554799532008-12-05T08:12:00.000+01:002008-12-05T08:12:00.000+01:00'बैन' शायद मैं अतिवादी हो रहा हूँ पर मुझे ...'बैन' शायद मैं अतिवादी हो रहा हूँ पर मुझे तो इस शब्द से ही कुछ चिढ़ होती जा रही है, शायद बैन शब्द को ही बैन कर देना चाहिए :))<br><br>दूसरी ओर यदि पसंद की आजादी समाज के स्टीरियोटाईप्स को पुनर्बलित (रीइन्फोर्स) करते हों तो इनके खिलाफ बोलना कहना बिल्कुल जायज है। कक्षा में भक्तिकाल पढ़ाते हुए इसे मैं अपनी जिम्मेदारी मानता हूँ कि विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करूं कि देखिए भक्तिकाल में राम-कृष्ण के काले होने को लेकर गर्व का भाव है जा अंगेजों के साथ साथ नस्लवाद के पहुँचने के फलस्वरूप ऐसा लुप्त होता है कि राम-कृष्ण पर बने सीरियलों में ये गोरे हो जाते हैं।मसिजीवीhttp://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-43578088650285884602008-12-05T08:15:00.000+01:002008-12-05T08:15:00.000+01:00किसी को विकल्प खोजने से रोकना गलत है, अतः बेन बेका...किसी को विकल्प खोजने से रोकना गलत है, अतः बेन बेकार की बात है. स्वास्थय से खिलवाड हो तो कम्पनियों को दण्डित किया जाना चाहिए. <br><br>रंग भी व्यक्तिगत पसन्द का मामला है. मुझे हल्के श्यामवर्ण की महिलाएं आकर्षित करती है तो यह मेरा अपना मामला है. किसी को गोरा पसन्द हो सकता है. <br><br>कोई भी रंग हेय नहीं हो सकता.संजय बेंगाणीhttp://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-84221647727573572912008-12-05T08:27:00.000+01:002008-12-05T08:27:00.000+01:00Fantastic Post! Regards!Fantastic Post! Regards!Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-88670950261499701042008-12-06T18:56:00.000+01:002008-12-06T18:56:00.000+01:00सभी को अपने मनुष्य होने पर गर्व होना चाहिये, रंग, ...सभी को अपने मनुष्य होने पर गर्व होना चाहिये, रंग, भाषा, धर्म, जाति पर नहीं। बाजार व्यवस्था को बदलने या किसी विशेष सामान को प्रतिबंधित करना हल नहीं है, एक सामान को बंद करेंगे तो कम्पनियां नया कुछ ले आयेंगी । सोच बदलने की जरुरत है!!नितिन | Nitin Vyashttp://www.blogger.com/profile/14367374192560106388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-77779059491692691062008-12-09T14:19:00.000+01:002008-12-09T14:19:00.000+01:00दीपक जी, आपके पुराने पोस्ट भी पढ़े और ये भी...। बह...दीपक जी, आपके पुराने पोस्ट भी पढ़े और ये भी...। बहुत मन से लिखते हैं आप...गहराई के साथ...खूबसूरती के साथ। ईटली में रहते हुए भी भारत की माटी से सराबोर...बहुत-बहुत बधाई...मैं यहाँ (आपके पास) आता रहूँगा। अगर आपकी इच्छा हो तो आप भी पधारें। -सचिनsachin sharmahttp://sachinkidunia.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-91442552364258107742008-12-27T20:20:00.000+01:002008-12-27T20:20:00.000+01:00"भारत में तो यह रंगभेद इतना गहरा है कि विवाह ..."भारत में तो यह रंगभेद इतना गहरा है कि विवाह के विज्ञापन में बेशर्मी से साफ़ लिखा जाता है कि गोरे वर्ण की कन्या को खोज रहे हैं."<br><br>बहुत ही गहरी बात है. और ये इतनी अन्दर तक घर बना चुकी है, कि हम इसे रंग भेद समझते ही नहीं है. बहुत उत्तम लेख.panchayatnamahttp://panchayatnama.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-40314539135202801592009-01-26T10:16:00.000+01:002009-01-26T10:16:00.000+01:00aap kya chate hai such batana jo chate hai milta h...aap kya chate hai such batana jo chate hai milta hai <br>aur bhi accha likh sakte hai aap <br>kuch aur pathna chatte hai <br>aaiyee<br>http://batkahi-kap.blogspot.com parkaphttp://www.blogger.com/profile/08757635798724989860noreply@blogger.com