tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post2711312289459726660..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: गिद्ध, मुर्गियाँ और इन्सानSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-84429052342526077652012-03-10T18:14:05.549+01:002012-03-10T18:14:05.549+01:00जी. निराश होना मेरा स्वभाव नहीं पर बेहतर बदलाव होत...जी. निराश होना मेरा स्वभाव नहीं पर बेहतर बदलाव होते नहीं दीखते. कई स्तरों पर बहुत विकास हुआ है और लोगों का जीवन सुधरा है... लेकिन इसकी बड़ी कीमत भी चुकानी पडी है.<br />आज पहले से कहीं ज्यादा सुख सुविधाएँ हैं. लेकिन वह शांति और शुद्धता कहीं खो गयी जो मैं अपने ही बचपन में अनुभव करता था. अभी मैं चालीस का नहीं हुआ पर काफी परिवर्तन देख लिया.<br />दुनिया की बेहतरी के लिए जो उद्यत हैं वे नगण्य हैं. जब तक हम व्यापक जनसमूह को सचेत और जागरूक नहीं करेंगे तब तक हम चीज़ों को पौज़ितिव रूप लेते नहीं देख पाएंगे.Nishanthttp://hindizen.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-12083838103472784142012-03-10T07:46:11.913+01:002012-03-10T07:46:11.913+01:00इस तरह सोचेंगे कि बदल नहीं सकता तो कैसे जी सकते है...इस तरह सोचेंगे कि बदल नहीं सकता तो कैसे जी सकते हैं, बदलने की कोशिश कौन करेगा?Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-282685143053124592012-03-10T05:38:44.654+01:002012-03-10T05:38:44.654+01:00सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा. बचपन से ही चीज़ों को बद ...सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा. बचपन से ही चीज़ों को बद से बदतर होते देखा है इसलिए अब उसकी आदत पड़ गयी है. <br />सारी समस्याओं का एकही उपचार है, सादी सरज संयमित संतुष्टिपूर्ण जीवन शैली जो व्यापक जन और पर्यावरण के हित में हो. लेकिन उसके लिए बहुत त्याग करना पड़ेगा. आलस्य छोड़ना पड़ेगा. पैसे के पीछे भागना भी छोड़ना पड़ेगा. यह सब सरल नहीं है.<br />बदलाव कठिन है. यह निराशापूर्ण है लेकिन नयी पीढी को अपना मौज-मजा ही भाता है. दुर्दिन भी उन्हीं पर टूटकर आयेंगे.Nishanthttp://hindizen.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-2841248761602875752012-03-02T04:25:29.701+01:002012-03-02T04:25:29.701+01:00इन्सान अपने फायदे के लिये पर्यावरण का नाश करने पर ...इन्सान अपने फायदे के लिये पर्यावरण का नाश करने पर तुला हुआ है, एक दिन यही उस के विनाश का कारण बनेगा| <br />सुन्दर आलेख !V. Khawanihttps://www.blogger.com/profile/04328584160085549565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-25817418237462116212012-02-28T05:05:36.875+01:002012-02-28T05:05:36.875+01:00धन्यवाद शास्त्री जीधन्यवाद शास्त्री जीSunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-42503944598281739702012-02-28T05:05:18.615+01:002012-02-28T05:05:18.615+01:00धन्यवाद पुर्षोतम जीधन्यवाद पुर्षोतम जीSunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-43244421132387439872012-02-28T02:02:59.930+01:002012-02-28T02:02:59.930+01:00बहुत श्रेष्ठ और सटीक!बहुत श्रेष्ठ और सटीक!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-17886358532374713022012-02-27T12:06:38.874+01:002012-02-27T12:06:38.874+01:00पर्यावरण जैसे विषय प्र यह गंभील आलेख बहुत महत्वपूर...पर्यावरण जैसे विषय प्र यह गंभील आलेख बहुत महत्वपूर्ण है.साधुवाद.पुरुषोत्तम पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-39360252137599398212012-02-27T05:33:09.660+01:002012-02-27T05:33:09.660+01:00धन्यवाद अरविंद जी.धन्यवाद अरविंद जी.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-7652433294420058742012-02-27T05:32:48.129+01:002012-02-27T05:32:48.129+01:00धन्यवाद अरुण जी.धन्यवाद अरुण जी.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-80536909091919810242012-02-27T05:06:04.437+01:002012-02-27T05:06:04.437+01:00पर्यावरण चिंतन पर एक उत्कृष्ट राईट अप !पर्यावरण चिंतन पर एक उत्कृष्ट राईट अप !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-24838754272352817032012-02-27T03:39:18.761+01:002012-02-27T03:39:18.761+01:00रसायनों का दुरुपयोग एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है।...रसायनों का दुरुपयोग एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। कीटनाशकों से मेरे कीट खाकर मोर, ज़हर से मारे चूहे खाकर कौवे मर रहे हैं वहीं अधिक दूध की दवा खाई भैंसों की लाश खाकर गिद्ध लापता हो गये। मांसाहार के द्वारा आने वाले विषैले रसायनोंका तो कोई हिसाब नहीं है, मैने आगरा में खुले में बेचते पेठे की मिठाई पर बैठने वाले बर्रों के लिये पेठे पर बेगॉन छिड़कते हुए दुकानदार देखे हैं। मगर हमारी आंख तो तब खुलती है जब बीमारी लाइलाज़ हो चुकती है। जागरूक करता आलेख, धन्यवाद!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-16367837458668237662012-02-27T02:21:43.508+01:002012-02-27T02:21:43.508+01:00bahut sarthak post...abhar..bahut sarthak post...abhar..Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-92098081927851282232012-02-26T18:45:25.874+01:002012-02-26T18:45:25.874+01:00राहुल जी, माइक पाँडे की फ़िल्म के बारे में बताने क...राहुल जी, माइक पाँडे की फ़िल्म के बारे में बताने के लिए धन्यवाद. मैंने फ़िल्म को यूट्यूब पर देखा: http://www.youtube.com/watch?v=5DO6kkOmZCQ&feature=related<br /><br />फ़िल्म के अनुसार डाइक्लोफेनाक को 2006 में बैन कर दिया गया था, तो उससे स्थिति क्यों नहीं सुधरी? मीरा सुब्रामणियम का आलेख तो बहुत समय पुराना नहीं है.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-64644212706818979012012-02-26T18:15:53.441+01:002012-02-26T18:15:53.441+01:00माइक पांडे की ब्रोकन विंग्स भी शायद इसी विषय पर ह...माइक पांडे की ब्रोकन विंग्स भी शायद इसी विषय पर है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-63765186748903875392012-02-26T15:37:39.333+01:002012-02-26T15:37:39.333+01:00धन्यवाद चन्द्रभूषण जी.धन्यवाद चन्द्रभूषण जी.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-15915853593656648152012-02-26T15:37:17.059+01:002012-02-26T15:37:17.059+01:00सच बात है प्रवीण जी, पैसे के लालच का ही सब खेल है ...सच बात है प्रवीण जी, पैसे के लालच का ही सब खेल है यह सबSunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-22429396024178459732012-02-26T15:36:35.794+01:002012-02-26T15:36:35.794+01:00काजल, लिन्क के लिए धन्यवाद. दुर्भाग्य से हर तरफ़ स...काजल, लिन्क के लिए धन्यवाद. दुर्भाग्य से हर तरफ़ से इसी तरह के समाचार आ रहे हैं.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-90615705374720443942012-02-26T14:56:31.701+01:002012-02-26T14:56:31.701+01:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति
आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति<br />आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 27-02-2012 को <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"><b>सोमवारीय चर्चामंच</b></a> पर भी होगी। सूचनार्थचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-27804928211093151372012-02-26T12:29:38.697+01:002012-02-26T12:29:38.697+01:00पैसे ने हर जगह जहर घोल रखा है..पैसे ने हर जगह जहर घोल रखा है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-12307386170646374552012-02-26T12:02:51.883+01:002012-02-26T12:02:51.883+01:00जानवरों व खेती के साथ साथ यहां तो सब्जियों व फलो...जानवरों व खेती के साथ साथ यहां तो सब्जियों व फलों को भी टीके लगाने की ख़बरें पढ़ने को मिल रही हैं. जरा इस लेख को देखिये तो <br />http://www.indiastudychannel.com/resources/73074-Harmful-chemicals-fresh-looking-vegetables.aspxKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com