tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post2925309087104580714..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: एडस के चेहरेSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-68866546616916792392006-08-08T15:40:33.746+02:002006-08-08T15:40:33.746+02:00अफ्रीका या भारत में जब एड्स की बात उठती है, तो सबस...अफ्रीका या भारत में जब एड्स की बात उठती है, तो सबसे बड़ा कारण अज्ञान कहा जा सकता है। भारत में, जैसा कि निरंतर में कहा गया है, शुतुरमुर्गी रवैये की वजह से, लोगों को कोई जानकारी नहीं या सही जानकारी नहीं। पर आश्चर्य यहां जर्मनी में है, जहां हर रेलवे स्टेशन पर एड्स से बचाव के बारे में होर्डिंग लगे होने के बावजूद ऐसे लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जो खुलेआम सिर्फ असुरक्षित यौन संबंध बनाने की बात स्वीकार करते है, और सुरक्षित संबंधों का बहिष्कार करते हैं। और पूर्वी यूरोप, खास कर चेक रिपब्लिक और स्लोवाकिया के ब्लू फिल्म निर्माता इसके लिए जिम्मेदार ठहराए जा रहे हैं, कि वे अपनी बिना कण्डोम के प्रयोग किये यौन संबंधो को दर्शाने वाली फिल्मों से इस व्यवहार को बढ़ावा दे रहे हैं।क्षितिज / Kshitijhttp://www.blogger.com/profile/04620320921284985622noreply@blogger.com