tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post4206909123060934294..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: बेतरतीब डॉयरी के पन्नेSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-66840626341725983142006-09-09T15:30:41.506+02:002006-09-09T15:30:41.506+02:00आप सरल शब्दो में सहजता से विचार बयान कर जाते हैं.ह...आप सरल शब्दो में सहजता से विचार बयान कर जाते हैं.<br>हिन्दी की जिम्मेदारी अगली पीढ़ी की नहीं हमारी हैं, हमे हिन्दी को कमाने लायक भाषा बना कर छोड़ना होगा.<br>फिल्म की अच्छी समिक्षा की हैं आपने.संजय बेंगाणीhttp://www.tarakash.com/joglikhinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-78668066978378091162006-09-10T15:17:15.533+02:002006-09-10T15:17:15.533+02:00स्तिथि बहुत खराब है. सभी गुण अन्ग्रेज़ी पर अटक गये ...स्तिथि बहुत खराब है. सभी गुण अन्ग्रेज़ी पर अटक गये हैं. छोटे शहरों में बच्चे गणित विग्यान छोड़ आधा समय अन्ग्रेज़ी में लगाते हैं, ट्यूशन पड़ते हैं, और फ़िर भी inferiority complex से ग्रस्त. स्कूल में एडमीशन सम्भव नहीं बच्चों का यदि बच्चा व मां बाप भी धाराप्रवाह अन्ग्रेज़ी न बोलते हों. यह् दिल्ली में हाल् है. अन्ग्रेज़ी नहीं आती तो आप talented हो ही नहीं सकते, चाहे नौकरी हो, IIM का इन्टरव्यू, या के-जी में एडमीशन.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-70550651097875374112006-09-11T05:35:06.196+02:002006-09-11T05:35:06.196+02:00सुनिल जी, आपको अपने सारे लेखो को पुस्तक की शक्ल मे...सुनिल जी, <br><br>आपको अपने सारे लेखो को पुस्तक की शक्ल मे प्रकाशित करना चाहिये। <br>आप के लेख मे हर घट्ना को देखने का एक अलग नजरिया मिलता है।आशीषhttp://ashish.net.in/khalipilinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-31004234969060558812006-09-12T17:44:42.813+02:002006-09-12T17:44:42.813+02:00अति सहज और सुंदर लेख.बधाई.अति सहज और सुंदर लेख.बधाई.Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com