tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post7751244676882722047..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: मानव मानSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-88806625469974066462005-11-07T04:13:55.146+01:002005-11-07T04:13:55.146+01:00क्या इसका कोई आंकडा है कि समान भार लादे हुए दोपहिय...क्या इसका कोई आंकडा है कि समान भार लादे हुए दोपहिया रिक्शा और तीनपहिया रिक्शा में किसको चलाने मे अधिक बल/शक्ति/उर्जा की आवश्यकता होती है । क्या दोपहिया रिक्शा इसलिये खराब है कि इसे हाथ से खीचना पडता है ? मेरे खयाल से ऐसी सोच ठीक नही है । लेकिन यदि तीन-पहिया रिक्शे के मुकाबले में दो-पहिया रिक्शे की दक्षता ( एफ़िसिएन्सी) बहुत कम है, तो तकनीकी दृष्टि से उसे हटा लेना उचित कदम है ।<br><br>अनुनादअनुनाद सिंहhttp://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.com