tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post8215986312332095727..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: प्रेम निवेदनSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-41560913865580370972011-12-28T19:45:48.047+01:002011-12-28T19:45:48.047+01:00बहुत शुक्रिया सुनील जी..
राज शेखर
rajshekhar.inबहुत शुक्रिया सुनील जी..<br />राज शेखर <br />rajshekhar.inराज शेखरhttp://rajshekhar.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-4133507354051913942011-02-06T15:26:19.833+01:002011-02-06T15:26:19.833+01:00मेरी मां में कुछ था कि वे बिना मेरे पिता के बोले, ...मेरी <a href="http://unmukt-hindi.blogspot.com/2007/05/mother.html" rel="nofollow">मां</a> में कुछ था कि वे बिना मेरे पिता के बोले, उनके मन की बात समझ जाती थीं। मेरी शादी को तीस से कहीं अधिक साल बीत चुके हैं फिर भी वह मेरे मन को नहीं समझ नहीं पाती। बस कहती कि तुम उसे क्यों नहीं बताते:-)उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-65907874446795034142011-02-06T13:10:11.647+01:002011-02-06T13:10:11.647+01:00राजेन्द्र इस खूबसूरते शेरों के लिए तहेदिल से धन्यव...राजेन्द्र इस खूबसूरते शेरों के लिए तहेदिल से धन्यवाद<br />मुकुल, मेरी पत्नी को हिन्दी पढ़नी नहीं आती, इसीलिए तो हिन्दी चिट्ठे में अपनी बात लिखना आसान है! :-)Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-91247198119667171072011-02-06T12:52:07.518+01:002011-02-06T12:52:07.518+01:00उम्मीद करता हूँ आपकी भावनाएं आपकी पत्नी तक पहुँच ग...उम्मीद करता हूँ आपकी भावनाएं आपकी पत्नी तक पहुँच गयी होंगीMukulhttps://www.blogger.com/profile/17912641611101930410noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-77836698677177670662011-02-06T12:30:55.449+01:002011-02-06T12:30:55.449+01:00आदरणीय सुनील दीपक जी
नमस्कार !
प्रेम निवे...<b><i>आदरणीय सुनील दीपक जी </i></b> <br />नमस्कार !<br /><br /> <b> प्रेम निवेदन</b> प्रविष्टि प्रशंसनीय है ! <br />उम्र के साथ साथ आपसी समझ विकसित होती ही है , इसलिए यह भी सच है कि<b> भेंट लाने या न लाने से कुछ नहीं होता । </b><br /><br /> मेरी एक ग़ज़ल के दो शे'र आपके लिए … आपकी ही भावाभिव्यक्ति के लिए सादर पेशे-ख़िदमत है - <br /><b>यूं मैंने लिख दिया है दिल तुम्हारे नाम पहले ही <br />कहो तो धड़कनें भी… और सांसें , और जां लिखदूं <br /><br />दुआओं से तुम्हें राजेन्द्र ज़्यादा दे नहीं सकता<br />यूं कहने को तुम्हारे नाम मैं सारा जहां लिखदूं<br /> </b> <br /> <br /><b> हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !</b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-55934686989565120892011-02-06T11:24:08.489+01:002011-02-06T11:24:08.489+01:00प्रेम प्रदर्शित न कर पाने वालों का प्रेम क्या कम ह...प्रेम प्रदर्शित न कर पाने वालों का प्रेम क्या कम होता है?प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com