tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post8247941730587677080..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: मन की खोजSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-32434644797549959132011-04-29T10:05:08.912+02:002011-04-29T10:05:08.912+02:00आध्यात्मिकता को सामाजिकता की दृष्टि से देखने से द...आध्यात्मिकता को सामाजिकता की दृष्टि से देखने से दोनो की ही हानि होती है, सुन्दर आलेख।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-88757053031501873062011-04-25T18:37:45.762+02:002011-04-25T18:37:45.762+02:00रवि, नीरज, स्वप्नदर्शी जी, आप सबको धन्यवाद.
नीरज,...रवि, नीरज, स्वप्नदर्शी जी, आप सबको धन्यवाद.<br /><br />नीरज, मुझे भी भारत में टीवी पर इतनी अंधविश्वास, भूत प्रेत वाली बातें सुन कर बहुत हैरानी और हताशा होती है.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-68467941525474107422011-04-25T17:22:47.717+02:002011-04-25T17:22:47.717+02:00"भारत में जन्मी पनपी आध्यात्मिक परम्परा जिसकी..."भारत में जन्मी पनपी आध्यात्मिक परम्परा जिसकी जड़ें उपानिषिदों में हैं और जिनमें मानव की अंतरात्मा की गहराईयों में छुपी जगत संज्ञा को खोजनी की चेष्ठा है, मुझे इस परम्परा की सबसे बड़ी उपलब्धी लगती है. पर योगी तपस्या से या आत्मसंयम से उड़ने लगें या चमत्कार करने लगें, इस तरह की बातों पर विश्वास नहीं. मेरा मानना है कि भौतिक जीवन को भौतिक जगत के नियम मानने ही होंगें और उन नियमों से ऊपर उठने की बातें करने वाले लोग सच नहीं बोल रहे".<br /><br />आपके विचारों से सहमति, एक अच्छा लेख पढ़ने को मिला , शुक्रिया.स्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-61737690213657925832011-04-25T16:46:47.484+02:002011-04-25T16:46:47.484+02:00वर्तमान में धर्मगुरूओं और उनके अनुयायियों के प्रति...वर्तमान में धर्मगुरूओं और उनके अनुयायियों के प्रति मेरे विचार और आपके विचारों में समानता के चलते मन को बहुत संतोष हुया। <br />अभी दो दिन पहले भारत यात्रा से वापिस ह्यूस्टन आया हूँ। टीवी, समाचार पत्रों के माध्यम से मध्यवर्गीय परिवारों में बढते अन्धविश्वास ने मन को बहुत दुखी किया। टीवी पर नजर सुरक्षा कवच, धन लक्ष्मी यंत्र, बाधा मुक्ति यंत्र और भी न जाने किस किस चीज का घंटों प्रचार दिखा ।<br /><br />आभार,<br />नीरज रोहिल्लाNeeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-43154254788954109212011-04-25T14:49:19.486+02:002011-04-25T14:49:19.486+02:00"....मुझे लगता है सर्वज्ञानी सर्वशक्तिमान गुर..."....मुझे लगता है सर्वज्ञानी सर्वशक्तिमान गुरु या राजनीतिक नेता जैसी आकृतियों की खोज उन व्यक्तियों को होती है जिनमें मन में असुरक्षा की भावना हो ..."<br /><br />मेरा भी यही मानना है.raviratlamihttps://www.blogger.com/profile/11568611790459198912noreply@blogger.com