tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post8991343008071183741..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: नेपाली, हिंदी और भूमंडलीकरणSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-52322735221357017242006-03-11T16:06:37.016+01:002006-03-11T16:06:37.016+01:00Would love to leave a msg in Hindi! Tell me how! A...Would love to leave a msg in Hindi! Tell me how! Aapke messages mein ek bahut sundar si khanak hai...thank you for being there !Mona Mishrahttp://www.blogger.com/profile/09594505157841627762noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-34942918233903176442006-03-19T05:12:32.313+01:002006-03-19T05:12:32.313+01:00सुनील जी, मै आपसे पूरी तरह सहमत हूँ। असल में, न...सुनील जी,<br> मै आपसे पूरी तरह सहमत हूँ। असल में, नेपाली में हिंदी के प्रभाव की बात कर रहे हैं, उसको मैने बहुत नज़दीक से देखा है।<br>हमारे पूर्वज करीब डेढ़ सौ वर्ष पहले नेपाल से भारत आए और असम में जा बसे। हम अभी भी घर में हम नेपाली ही बोलते हैं।स्वभाविक था कि, हमने जो नेपाली सीखी, असमिया मिली हुई, नेपाली थी। पिताजी फौज में थे, मै असम के बाहर ही बड़ा हुआ, भारत के हर कोने में रहा।<br> आजकल मै जब भी घर जाता हूँ, अपने चचेरे, ममेरे भाई बहनों से मिलता हूँ, तो उनकी नेपाली मे असमिया का बहुत भारी प्रभाव दिखाई देता है। पिछले पच्चीस वर्षों मे प्रभाव और गहरा हो गया है। मै दूर रहा, शायद मेरी नेपाली में हिंदी का प्रभाव अधिक है।<br>यही हश्र मुझे अपनी हिंदी का होता हुआ दिखाई दिया। जब से विश्वविद्यालय गये, लिखित हिंदी से नाता टूट सा गया, और अंग्रेज़ी सुधारने के चक्कर में, हिंदी के शब्द भूलते चले गए। अब हाल यह है कि, किसी अंग्रेज़ी शब्द का प्रयोग किये बिना, हिंदी मे एक वाक्य पूरा बनाने में कठिनाई होती है। हिंदी पढ़ना भी छूट ही गया था। <br>हाल ही में फिर से पढ़ना शुरु किया है। आपका ब्लॉग इसी तलाश के दौरान मिला ।<br> <br>~ रिपलRipplehttp://www.blogger.com/profile/18073698453014359018noreply@blogger.com