tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post1270740402315170238..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: टिप्पणी चर्चाSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-37110882338610394142006-10-22T19:43:11.326+02:002006-10-22T19:43:11.326+02:00टिप्पणियों की दशा वाकई बड़ी बुरी है. एक तो हिंदी मे...टिप्पणियों की दशा वाकई बड़ी बुरी है. एक तो हिंदी में टिप्पणियां करने में संकोच की परंपरा है और होती है भी तो औपचारिक तारीफ. वैसे चिट्ठाचर्चा में किसी दिन अपवाद स्वरूप ही छूट जाये तो अलग बात है वर्ना वहां टिप्पणीचर्चा जरूर होती है. यह बात सही है कि संजय बेंगाणी नियमित टिप्पणीकार हैं जो जिम्मेदारी से यह काम निबाहते हैं.प्रियंकरजी का भी सभी पोस्ट पर मत मिल ही जाती है.अनुराग श्रीवास्तवजी भी काफ़ी उत्साह बढ़ाते है. कुछ लोग जैसे ,जीतू,स्वामीजी आदि नारद के कामों में व्यस्त रहे इसी लिये कम टीप पाये.अनूप शुक्लhttp://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-9299805973947748922006-11-01T13:51:05.556+01:002006-11-01T13:51:05.556+01:00धन्यवाद! सुनील जी . ऋत्विक घटक पर की गई मेरी टिप्प...धन्यवाद! सुनील जी . ऋत्विक घटक पर की गई मेरी टिप्पणी को अपनी प्रिय टिप्पणी घोषित करने के लिए . आभारी हूं.प्रियंकरhttp://anahadnaad.wordpress.comnoreply@blogger.com