tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post1724781586860669126..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: किताब के बाहरSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-76999981528782809652008-07-10T07:28:00.000+02:002008-07-10T07:28:00.000+02:00कुछ इस प्रकार की बात मैने भी कही थी. बेनजीर भूट्टो...कुछ इस प्रकार की बात मैने भी कही थी. बेनजीर भूट्टो की आत्मकथा पढ़ कर कई जगह कोफ्त हुई की फलाना काम इस्लाम विरूद्ध नहीं है फलाना काम इस्लाम में हराम है. अरे भाई जो भी करो मानवीय आधार पर तय करो की क्या सही है क्या गलत. सोचीये कैसा लगता अगर गाँधी अपने हर अच्छे बुरे काम की सफाई गीता के आधार पर देते की यह गीतानुसार किया, वह काम नहीं किया क्यों की गीता में इसकी अनुमति नहीं है. <br>जब तक समझदार कहलाने वाले मुसलमान भी कुरान की दृष्टि से सफाई देते रहेंगे मुसलमानो का भला होने से रहा. वास्तव में वे भी अन्दर ही अन्दर धार्मिक भय पाले हुए ही है, बाते भले ही आधूनिकता की कर ले.संजय बेंगाणीhttp://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-91033329728616829712008-07-17T14:43:00.000+02:002008-07-17T14:43:00.000+02:00I didnt watch this movie, I ll def see. ThanksI didnt watch this movie, I ll def see. ThanksPune Business Directoryhttp://www.punepages.com/blogs/3734/allow-your-own-inner-light-to-guide-younoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-29455606506472727762008-08-17T08:17:00.000+02:002008-08-17T08:17:00.000+02:00मुझे तो अब तक यही समझ नही आया है की जब ऊपर वाले ने...मुझे तो अब तक यही समझ नही आया है की जब ऊपर वाले ने दुनिया के लिए केवल दो आदमी बनाये थे तो इस 'आदमी' ने अपने लिए इतनी सारी चीज़ें क्यों बना लीं...इतने सारे धर्म...इतनी जातियां...कुरान..गीता...गुरु ग्रन्थ..बाइबिल...और न जाने क्या-क्या.<br><br>खुदा के लिए मैंने भी देखी है...तब मुझे भी उसमे कुछ अधूरापन लगा...अब समझ आया कि वो वही था जो आप कह रहे हैं.Anonymousnoreply@blogger.com