tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post4437544073099426429..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का भविष्यSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-29422287328795562492008-08-04T08:25:00.000+02:002008-08-04T08:25:00.000+02:00सहमत! बहुत सही लेख है.सहमत! बहुत सही लेख है.ई-स्वामीhttp://hindini.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-64827582954433255632008-08-04T11:07:00.000+02:002008-08-04T11:07:00.000+02:00सही लिखा है, भारत सरकार जो लोग चलाते है, उनकी सोच ...सही लिखा है, भारत सरकार जो लोग चलाते है, उनकी सोच विस्तृत नहीं तो उनके चैनल कैसे विस्तार पाएंगे. सच कहूँ तो जब कभी समाचार सुनना होता है, निजी चैनलो में भी हिन्दी के बजाय अंग्रेजी देखने पड़ते है.संजय बेंगाणीhttp://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-12189725049859368552008-08-04T11:08:00.000+02:002008-08-04T11:08:00.000+02:00अच्छा लिखा है आपने मीडिया के बारे में....कुछ अच्...अच्छा लिखा है आपने मीडिया के बारे में....कुछ अच्छे लिंक भी मिले <br>शुक्रियाभुवनेश शर्माhttp://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-82713455294800073072008-08-04T13:11:33.830+02:002008-08-04T13:11:33.830+02:00सहमत। यही समस्या है कि विश्वसनीय खबर जानने के लिये...सहमत। यही समस्या है कि विश्वसनीय खबर जानने के लिये अब ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। और लगता है कि क्या खबर उस मेहनत के योग्य है?ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandeyhttp://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-58396389841688702542008-12-15T05:15:00.000+01:002008-12-15T05:15:00.000+01:00बिल्कुल सही कहा आपने. मैं पूरी तरह सहमत हूँ. सही स...बिल्कुल सही कहा आपने. मैं पूरी तरह सहमत हूँ. सही समाचार जानना है तो बहुत मसक्कत करनी पड़ती है. वैसे अमेरिका तो न्यूज़ को अपने अनुसार परोसने में माहिर है. <br><br>मैं अभी कुछ दिन पहले एक लेख पढ़ा <a href="http://www.americanfreepress.net/html/about.html" rel="nofollow">The MEDIA IS THE ENEMY</a> बड़ा ही प्रासंगिक है.. और बहुत कुछ आपकी ही सोच से मिलता हुआ है.. <br><br>ले दे के बात यही है, कि आप ऐसे किसी भी समाचार पे भरोसा नहीं कर सकते... अपना दिमाग लगना बहुत ही जरूरी है..<br><br>आप बहुत ही अच्छा लिखते हैं..panchayatnamahttp://panchayatnama.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-38179260551089021412009-12-28T23:45:03.265+01:002009-12-28T23:45:03.265+01:00sahi keha.----sunilparbhakar@gmail.comsahi keha.<br>----sunilparbhakar@gmail.comAnonymousnoreply@blogger.com