tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post4637912507310001748..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: धीरे जलनाSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-87829484874382371252005-11-16T19:58:40.166+01:002005-11-16T19:58:40.166+01:00यहां पर कविराज गुलज़ार, तांत्रिक विधी से क्रीडा करन...यहां पर कविराज गुलज़ार, तांत्रिक विधी से क्रीडा करने की बात कर रहे हैं. धीरे जलना धीरे जलना, जल्दबाजी में मे खाक मत होना!eswamihttp://hindini.com/eswaminoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-36792307410145709372005-11-17T05:59:44.153+01:002005-11-17T05:59:44.153+01:00क्या याद दिला दी यार!बैंगन का भरता और साथ में दाल ...क्या याद दिला दी यार!<br>बैंगन का भरता और साथ में दाल चटनी, मजा आ जाता है। वैसे तो मै सिन्धी हूँ, लेकिन शादी पंजाबियों मे की है, अब चूंकि किचन मे श्रीमतीजी की ज्यादा चलती है, इसलिये खाने मे पंजाबी टेस्ट ज्यादा रहता है। लेकिन मै बहुत चटोरा हूँ, दुनिया की हर डिश पर हाथ साफ़ करने के लिये एवरैडी रहता हूँ।पहले बाहर खाकर आता हूँ, वहाँ पर कुक से सवाल पूछ पूछकर पकाता हूँ, फ़िर घर पर भी बनाने की कोशिश करता हूँ।<br><br>अरबी खाने में भी एक बैंगन की डिश होती है मुत्तबल, इसे ये लोग एपीटाइजर मे खाते है, बहुत सही होती है, बनाने की विधि ये रही:<br>http://arabicslice.com/moutabal.htmlJitendra Chaudharyhttp://www.blogger.com/profile/07082527004066336464noreply@blogger.com