tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post6302317617060838166..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: मधु किश्वरSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-17500011050861897142008-02-24T08:58:53.387+01:002008-02-24T08:58:53.387+01:00यह एक कड़वी सच्चाई है लेकिन इस पर "मेरा भारत म...यह एक कड़वी सच्चाई है लेकिन इस पर "मेरा भारत महान " का लेबल लगा है।सिर्फ कुर्सीयों का खेल है।जो शायद अब कभी बंद नही होगा।परमजीत बालीhttp://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-61301847608440751162008-02-24T14:49:53.672+01:002008-02-24T14:49:53.672+01:00जनतंत्र सिर्फ नाम का है. गुन्डाराज एक पहलू है, रजन...जनतंत्र सिर्फ नाम का है. गुन्डाराज एक पहलू है, रजनैतिक समीकरण् दूसरा. पर सबसे बडी बात जो मुझे दिखती है वो जन मे एक डेमोक्रटिक प्रक्रिया से सवालो के जबाब न तलाश् करने की खामी. हर समस्या का व्यक्तिगत समाधान सम्भव नही है. और कोई भी प्रक्रिया सिर्फ जोड-तोड और छोटे स्वार्थो मे दम तोड देती है.स्वप्नदर्शीhttp://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-90789567717287781292008-02-25T06:27:48.937+01:002008-02-25T06:27:48.937+01:00लोकतंत्र वोट का गुलाम होता है. वोट अगर गुण्डो के ब...लोकतंत्र वोट का गुलाम होता है. वोट अगर गुण्डो के बल पर आयेंगे तो राज भी वही करेंगे.संजय बेंगाणीhttp://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.com