tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post6844644309414637655..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: भारतीय ईसाईयों में जाति भेदSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-54964399464483163752007-11-18T09:05:48.674+01:002007-11-18T09:05:48.674+01:00भारतीय ईसाई जाति प्रथा के प्रभाव को कुछ वर्षों से...भारतीय ईसाई जाति प्रथा के प्रभाव को कुछ वर्षों से गम्भीरता से समझने की कोशिश कर रहे हैं। बनारस के गुरुकुल (जहाँ इसाई पादरी बनने की पढ़ाई होती है) में मैंने वहाँ के विद्यार्थियों (भावी पादरी) के बीच जाति प्रथा पर चर्चा की है।कब्रिस्तान में दलित ईसाई की कब्र पीछे होने के तथ्य को अब ईसाई नकारते नहीं हैं। भारतीय ईसाइयों के ज्यादातर समूह इस सन्दर्भ में 'विशेष अवसर देने' के पक्षधर हैं।Aflatoonhttp://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-39078743153491810552007-11-18T20:24:01.813+01:002007-11-18T20:24:01.813+01:00यदि धर्म बदल कर भी वही भेदभाव सहना पड़े तो क्या यह ...यदि धर्म बदल कर भी वही भेदभाव सहना पड़े तो क्या यह बेहतर न होगा कि या तो धर्म को मानें ही नहीं या अन्दर रहकर ही उसमें सुधार लाएँ ? वैसे मेरे विचार में हममें से हर वह व्यक्ति जो विवाह करते समय भी जाति नहीं पूछता समाज की अधिक सेवा कर रहा है ।<br>घुघूती बासूतीMired Miragehttp://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-28365726481439077272007-11-19T06:16:08.529+01:002007-11-19T06:16:08.529+01:00मैं जैन हूँ, जैन भारत में ही प्रगट हुआ धर्म है, मग...मैं जैन हूँ, जैन भारत में ही प्रगट हुआ धर्म है, मगर जैनो में ऊँच नीच, अगड़ा-पीछड़ा नहीं होता.संजय बेंगाणीhttp://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.com