tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post6859322397900373022..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: धँधा है, सब धँधा हैSunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-11916808120019448842011-10-08T07:51:04.844+02:002011-10-08T07:51:04.844+02:00जाएँ तो जाएँ कहाँ !!जाएँ तो जाएँ कहाँ !!Rangnath Singhhttps://www.blogger.com/profile/01610478806395347189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-10265288536080274272011-10-06T20:38:41.809+02:002011-10-06T20:38:41.809+02:00मुझे आनन्द का यह वाला दृष्य याद है. सतीश जी आप ठीक...मुझे आनन्द का यह वाला दृष्य याद है. सतीश जी आप ठीक कहते हैं. पैसे वालों से लें या न लें, अगर गरीब लोगों का भला करने की बात मन में रहे तो ठीक है. लेकिन बड़े बड़े अस्पतालों में अमीर, गरीब शायद एक बराबर ही देखते हें, अगर पैसा है तो ठीक वरना किसी अन्य अस्पताल में जाईये.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-3134929320111424202011-10-06T18:57:29.682+02:002011-10-06T18:57:29.682+02:00आनंद फिल्म का एक सीन याद आ रहा है जिसमें मोटे शख्स...आनंद फिल्म का एक सीन याद आ रहा है जिसमें मोटे शख्स ( असित सेन) अमिताभ के पास आकर दवा मांगते हैं और अमिताभ जाँच करने के बाद उसे कुछ नहीं हुआ कह कर टरका देते हैं। असित सेन मन मसोस कर रह जाते हैं और यह भी कह देते हैं कि तुम्हें तो कुछ नहीं आता।<br /><br /> वही असीत सेन दूसरे डॉक्टर (रमेश देव) के पास जाते हैं और फिर अपनी बीमारी का रोना रोते हैं। रमेश देव उसकी हर बात पर इस तरह चौकने का अभिनय करते हैं जैसे कि यह तो बहुत बड़ी बीमारी है, इसका तो फौरन इलाज होना चाहिये। यह सब कहते हुए मनचाहे रूपये असीत सेन से झटक लेते हैं। <br /><br /> अमिताभ तब रमेश देव से पूछते हैं कि ये किसलिये - जब उसे कुछ नहीं हुआ तो डराकर पैसे क्यों वसूल कर रहे हो। तब रमेश देव का जवाब होता है - ये आनंद ( राजेश खन्ना) जैसे लाचार मरीजों की मुफ्त में दी गई दवाई का खर्च है जिसे मैं इन शौकिया मरीजों से वसूल करता हूं । <br /><br /> यदि रमेश देव वाली भावना हो तब भी इस तरह से ढोंग बनाकर अमीर मरीजों से पैसे वसूलना ठीक लगता है लेकिन उनका क्या जो चाहे अमीर या गरीब, लूटना ही उनका उद्देश्य हो। ऐसे में गरीब तो और मारा जाता है।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-70123017779806320482011-10-06T18:56:15.261+02:002011-10-06T18:56:15.261+02:00आनंद फिल्म का एक सीन याद आ रहा है जिसमें मोटे शख्स...आनंद फिल्म का एक सीन याद आ रहा है जिसमें मोटे शख्स ( असित सेन) अमिताभ के पास आकर दवा मांगते हैं और अमिताभ जाँच करने के बाद उसे कुछ नहीं हुआ कह कर टरका देते हैं। असित सेन मन मसोस कर रह जाते हैं और यह भी कह देते हैं कि तुम्हें तो कुछ नहीं आता।<br /><br /> वही असीत सेन दूसरे डॉक्टर (रमेश देव) के पास जाते हैं और फिर अपनी बीमारी का रोना रोते हैं। रमेश देव उसकी हर बात पर इस तरह चौकने का अभिनय करते हैं जैसे कि यह तो बहुत बड़ी बीमारी है, इसका तो फौरन इलाज होना चाहिये। यह सब कहते हुए मनचाहे रूपये असीत सेन से झटक लेते हैं। <br /><br /> अमिताभ तब रमेश देव से पूछते हैं कि ये किसलिये - जब उसे कुछ नहीं हुआ तो डराकर पैसे क्यों वसूल कर रहे हो। तब रमेश देव का जवाब होता है - ये आनंद ( राजेश खन्ना) जैसे लाचार मरीजों की मुफ्त में दी गई दवाई का खर्च है जिसे मैं इन शौकिया मरीजों से वसूल करता हूं । <br /><br /> यदि रमेश देव वाली भावना हो तब भी इस तरह से ढोंग बनाकर अमीर मरीजों से पैसे वसूलना ठीक लगता है लेकिन उनका क्या जो चाहे अमीर या गरीब, लूटना ही उनका उद्देश्य हो। ऐसे में गरीब तो और मारा जाता है।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-23116978202224762632011-09-18T11:03:54.388+02:002011-09-18T11:03:54.388+02:00तकनीकी विकास के साथ बाजार तेजी से विकसित हुआ है इस...तकनीकी विकास के साथ बाजार तेजी से विकसित हुआ है इससे चिकित्सा लगातार दुर्लभ और महंगी होती जा रही है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-42193543797474133432011-09-17T07:40:06.474+02:002011-09-17T07:40:06.474+02:00भाई आज अगर डॉ कोई टेस्ट नहीं करवाता तो .... यही मा...भाई आज अगर डॉ कोई टेस्ट नहीं करवाता तो .... यही माना जाता है कि इसे कुछ आता नहीं... जितना बड़ा डॉ उतने ही टेस्ट... और उतनी ही उसकी कमीशन ..दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-63033335371102920242011-09-17T06:57:40.603+02:002011-09-17T06:57:40.603+02:00आप सभी को सराहना और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद :)आप सभी को सराहना और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद :)Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-79486681338287278572011-09-16T18:50:07.949+02:002011-09-16T18:50:07.949+02:00बहुत दिन बाद लिखा आपने। अब क्या कहें, इस पर। ऐसे ल...बहुत दिन बाद लिखा आपने। अब क्या कहें, इस पर। ऐसे लोगों का काम इलाज नहीं है शायद!चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-56367937530088624742011-09-16T16:43:24.878+02:002011-09-16T16:43:24.878+02:00’मैडिको-टूरिज़्म’ term सुनी थी तो अजीब सा लगा था, ...’मैडिको-टूरिज़्म’ term सुनी थी तो अजीब सा लगा था, लेकिन सबके अपने तर्क हैं। सच ये है कि कुछ जगह पर बहस करने की स्थिति में होते ही नहीं हम, अस्पताल भी ऐसी ही जगह है। एक समय था स्वास्थ्य और शिक्षा सेवा क्षेत्र ही थे, और अब क्या है, आपका अपना अनुभव ही बहुत है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-83294382124229088522011-09-16T16:02:47.491+02:002011-09-16T16:02:47.491+02:00ji aaj har jagah hi aesa hai .kya karen manushya m...ji aaj har jagah hi aesa hai .kya karen manushya manhushya ka dard nahi samajhta hai<br />marmik post <br />rachanaRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-81485957503308040522011-09-16T15:58:21.242+02:002011-09-16T15:58:21.242+02:00बेहद मार्मिक पोस्ट। भय तो लगता है डा0 के पास जाने ...बेहद मार्मिक पोस्ट। भय तो लगता है डा0 के पास जाने में। सेवा के इस पेशे को धंधा बनाने में व्यवस्था ही जिम्मेदार है। मुझे लगता है.. लम्बी और मंहगी पढ़ाई करने के बाद डाक्टर बनना...अपनी प्रैक्टिस के लिए बड़े अस्पताल की खोज...सब की नींव में धंधे का ही संस्कार पनपता है। सेवा की भावना उड़ जाती है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-27655584124558310572011-09-16T14:12:20.456+02:002011-09-16T14:12:20.456+02:00जग समूचा जानता है, रोटियाँ इस देश में हैं,
रोटियाँ...जग समूचा जानता है, रोटियाँ इस देश में हैं,<br />रोटियाँ हर वेश में है, रोटियाँ परिवेश में है।<br /><br />रोटियों को छीनने को , उग्रवेशी छा गये हैं,<br />रोटियों को बीनने को ही, विदेशी आ गये हैं।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-51780051674573822882011-09-16T11:42:36.431+02:002011-09-16T11:42:36.431+02:00एक दिन बर्गर पॉइंट पर खड़े हुए एक अस्पताल के मुलाजि...एक दिन बर्गर पॉइंट पर खड़े हुए एक अस्पताल के मुलाजिम और उसके दोस्त की बातचीत यूँही कान में पड़ी थी वो याद आ गई<br />"देख यार एक डाक्टर जो कहेगा मरीज़ को मजबूरी में करना ही पडेगा और हम अगर मरीज़ को डराए ना तो हमारा काम भी नहीं चलेगा"<br />गुडगाँव के पांच + सात सितारा अस्पतालों का अनुभव है जहाँ आपको सीधा महसूस होता है आप बकरा हो और कसाइयों ने चारो तरफ से घेर लिया हैsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-60295279317868238082011-09-16T10:01:38.988+02:002011-09-16T10:01:38.988+02:00sahi kaha aapne suneel jisahi kaha aapne suneel jisanjeev dubeyhttps://www.blogger.com/profile/05519271795147728525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-12332656184491163122011-09-16T10:00:54.054+02:002011-09-16T10:00:54.054+02:00भारत में जो ज्ञान है वह पर्याप्त है किसी भी क्षेत्...भारत में जो ज्ञान है वह पर्याप्त है किसी भी क्षेत्र में अग्रणी होने के लिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-19292119823900453552011-09-16T09:59:54.895+02:002011-09-16T09:59:54.895+02:00इनका मुख्य धेय तो पैसा कमाना ही है|इनका मुख्य धेय तो पैसा कमाना ही है|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.com