tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post8394561855530844533..comments2024-03-27T06:40:09.006+01:00Comments on जो न कह सके: हिंदी फिल्मों में मानसिक रोग (1)Sunil Deepakhttp://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-29339014819017702712011-08-12T23:32:50.217+02:002011-08-12T23:32:50.217+02:00आशीष जी की बात पर हँसी आई। एक अच्छा लेख लगा यह इस ...आशीष जी की बात पर हँसी आई। एक अच्छा लेख लगा यह इस विषय पर। शायद कम ही लिखा जाता है इस पर। फिल्मी पत्रिका या अखबारों की खबरें तो बस तमाशे जैसे रहते हैं।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-44203108421515413802006-08-06T18:10:39.256+02:002006-08-06T18:10:39.256+02:00सुनिलजीःआप हमें और किया किया याद दिलाएंगे? बहुत बढ...सुनिलजीः<br>आप हमें और किया किया याद दिलाएंगे? बहुत बढिया - आपके ऐसे खोजे हुए लेख दिल को छू कर निकलते हैं - धन्यवाद आपकाSHUAIBhttp://shuaibi.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9115561631155571591.post-42826476271912867342006-08-07T10:03:10.420+02:002006-08-07T10:03:10.420+02:00वह मानसिक रोग जिसमे रोगी सच और कल्पना का अंतर खो ब...वह मानसिक रोग जिसमे रोगी सच और कल्पना का अंतर खो बैठता है. <br><br>भारतीय दर्शन के अनुसार सारा जग माया है, तो फिर क्या सच और क्या कल्पना ।। और कौन रोगी ।। <br>फिर तो मीर भी सिजोफ्ररेनिक हुई ।।आशीषhttp://www.blogger.com/profile/15924140964649125080noreply@blogger.com