निराला, अनोखा शहर है वेनिस. जितनी भी बार देखो, हर बार वैसा ही, अविश्वास्नीय सा. सबसे अधिक अच्छा लगता है मुझे वेनिस की छुपी हुई गलियों में जाना जहाँ आम लोग रहते हैं.
विषेश यादों में वह रात है जब मेरी रेलगाड़ी छूट गयी थी और रात भर रेलवे स्टेश्न के सामने सीड़ियों पर बितायी थी या जब ज्यूदेक्का द्वीप पर माधवी मुदग्ल का ओड़िसी नृत्य देखा था या जब रात को १२ बजे, मेरी क्रिस्टीन के साथ पियात्सा सन मारको में बेले नृत्य देखा था.
कल रिजु के साथ वेनिस फिर लौटा. प्रस्तुत हैं इस बार की वेनिस यात्रा की दो तस्वीरें


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