यह घर वहाँ के आसपास पाये जाने वाले एक विषेश तूफो पत्थर से, जो कि लाइमस्टोन जैसा पत्थर है, बनाते हैं और इन घरों को बनाने की कला करीब दो हजार साल पुरानी है. पत्थरों को खूबी से काट कर ऐसे एक के साथ दूसरा रखा जाता है कि बिना रेता या सीमेंट के पूरा त्रुल्लो बस सिर्फ पत्थरों से ही बनता है. घरों का विशिष्ट आकार ऐसा है कि धूँआ और गर्मी दोनो से ही बचाता है.
पाओलो, मेरे मित्र और इस यात्रा में मेरे साथी, कहते हैं कि त्रुल्लों को बनाने की कला अब धीरे धीरे लुप्त हो रही है. किसके पास इतना समय है कि पत्थर काट कर धीरे धीरे अपने लिए यह घर बनाये. इसलिये इस्तरिया की वादी में लोग त्रुल्लियां तोड़ कर साधारण घर बना रहे हैं.
लेकिन इस कला को खोने से बचाने के लिए आ पहुँचे हैं बाहर के लोग, जो यहाँ पुराने त्रुल्लों को खरीद कर, उन्हें अन्दर से आधुनिक घरों की तरह सब सुविधाओं से भर देते हैं पर बाहर से घर का
कुछ पारमपरिक रुप बनाये रखते हैं, और इन घरों का छुट्टियों में इस्तमाल करते हैं.
आज की तस्वीरें में देखिये इस्तरिया वादी के आधुनिक त्रुल्लों को और मेरे मित्र पाओलो को.


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