फ़िर लूफेंग नाम के छोटे से शहर के सँग्रहालय में एक मूर्ती देखी जो दुर्गा से बहुत मिलती थी. पूछा तो बोले कि यह ताओ (Tao) धर्म की एक देवी की मूर्ती है. यह तो मालूम था कि चीन में बुद्ध धर्म भारत से पहुँचा था पर क्या हिंदू देवी देवताओं का भी कोई प्रभाव चीन में पहुँचा था, इसके बारे में कभी कुछ नहीं पढ़ा था.
बुद्ध धर्म का प्रभाव भारत से सारे एशिया में फैला था, चीन जापान, वियतनाम, कोरिया तक पर हिंदू धर्म का भी प्रभाव फैला था जिसके निशान इंदोनेशिया के बाली और कम्बोदिया के अंगकोरवाट मंदिर में दिखते हैं.
चीन यात्रा के बाद थाईलैंड आया तो वहाँ भी बुद्ध धर्म के साथ साथ हिंदू धर्म का प्रभाव दिखा. नीचे के चार तस्वीरों में हैं बैंकाक हवाईअड्डे पर बनी अमृतमंथन के दृश्य में मूँछों वाले विष्णु की मूर्ती, एक बुद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की प्रतिमाएँ, थाईलैंड के भूतपूर्व शासक राम तृतीय की मूर्ती, और एक सड़क के किनारे ब्रह्मा की मूर्ती.
इनको देखने के बाद मन में कई प्रश्न उठ रहे थे. बुद्ध धर्म के बारे में तो कहते हैं कि सम्राट अशोक के जमाने में बुद्ध धर्म का प्रचार हुआ पर हिंदू धर्म का प्रचार कब हुआ, किसने किया? भारतीय इतिहासकार बुद्ध धर्म के बारे में कहते हैं कि वह हिंदू धर्म के सुधारवाद का नतीजा था और जातिप्रथा आदि जैसी प्रथाओं को विरुद्ध सभी मानवों की बराबरी का संदेश देता था इसलिए हिंदू तथा बुद्ध धर्मों के बीच बहुत खिंचातानी और लड़ाई चली और बाद में बाहम्णवादियों ने बुद्ध धर्म को भारत से बिल्कुल हटा दिया, क्या अन्य देश जैसे थाईलैंड आदि, वहाँ हिंदू और बुद्ध धर्म की इस लड़ाई को कैसे देखा गया? हिंदू धर्म के साथ भारतीय जाति प्रथा क्यों अन्य देशों में नहीं फैली?
आपके प्रश्न जायज है, मैने लिखा भी था की भारत का इतिहास लिखा नहीं घड़ा गया है. प्रशिया से सिंगापुर तक हिन्दु संस्कृति फैली हुई थी, फिर सिकुड़ती चली गई, साथमें अपने निशान छोड़ती गई.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चित्र व सोचने को बहुत कुछ दे दिया । आपको पता चले तो हमें भी बताइयेगा ।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
बैंकॉक - थाइलैंड में तो ब्रह्म का मंदिर भी है।
जवाब देंहटाएंc/मूर्ती/मूर्ति
वैसे थाई लिपि भी भारतीय लिपियों जैसी ही है, यानी मात्राएँ वगैरह। और कई शब्द भी संस्कृत के हैं, जैसे कि नए हवाई अड्डे का नाम स्वर्णभूमि है, और बैंक को थाई में धनागार कहते हैं - पुरानी जानकारी है पर क्योंकि मैं उतना पुराना नहीं हूँ तब धनागार कहते थे तो अब भी कहते होंगे। फ़िलिपींस में पाया गया ११०० साल पुराना कवि लिपि का एक उदाहरण।
वास्तव में पूर्वी एशिया और पूर्वोत्तर एशिया सांस्कृतिक रूप से हमारे काफ़ी करीब है, राजनैतिक सीमाओं ने ही संकुचित कर रखा है।
रोचक जानकारी .........
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