सोमवार, दिसंबर 05, 2005

चिंडिया चमकेगी ?

कांग्रेस से आर्थिक विभाग के सदस्य जयराम रमेश ने अपनी नयी पुस्तक में एक नया शब्द बनाया है जो आने वाले सालों में शायद बहुत लोकप्रिय और जाना पहचाना बन जाये. यह शब्द है चिंडिया, यानि चीन और इंडिया को मिला कर नयी उभरती विश्व की महाशक्ति जिससे आज की विश्वशक्तियों, अमरीका, यूरोप, जापान को चिंता होने लगी है.

कहते हैं कि अभी कुछ दिन पहले जब चीन के प्रधान मंत्री भारत यात्रा पर आया थे तो उन्होंने कहा कि चीन विश्व का हार्डवेयर बादशाह बनेगा और भारत सोफ्टवेयर की रानी. एक शरीर की हड्डी और माँस पेशियाँ देगा और दूसरा उन्हे चलाने के लिए दिमाग. यानि, चीन और भारत का भविष्य एक दूसरे के विरुद्ध सोचना नहीं होना चाहिये, बल्कि उनके परस्पर संबंधों की प्रेरणा होनी चाहिये, भारतीय अर्धनारीश्वर या चीनी यिन और यांग, साथ मिल कर वह इतने मजबूत हो जायें कि उनके सामने कोई अन्य न टिक पाये.

इसी से विश्व महाशक्तियों के नीतिज्ञ इस समस्या का विवेचन कर रहे हें और इससे निपटने के मंसूबे बना रहे हैं. इतालवी पत्रिका लीमुस जो अंग्रेजी में भी इक पत्रिका निकालती है "हार्टलैंड", ने अपना एक पूरा अंक "चिंडिया" पर ही रखा है. चीनी इरादों के खिलाफ एक भारत और अमरीका की जोड़ी बनायी जाये का सुझाव बहुत लेखक और नीतिज्ञ देते हैं, विषेशकर अमरीका को. कहते हें कि भारत और अमरीका तो मनमोहन देसाई की फिल्म के बचपन में बिछुड़े अमर और एनथनी हैं जिन्हें अब मिल जाना चाहिये. दूसरी ओर कुछ लेख भारत और चीन के बीच बढ़ते राजनीतिक, अर्थिक संबंधों को देख कर कहते हें कि रुस के साथ मिल कर इन देशों ने अपना रास्ता अलग बनाना शुरु कर दिया है, और प्रगति और विकास की राह पर से इनका पीछे हटना कठिन है.

इस पत्रिका के विंडिया अंक को आप अंतरजाल पर मुफ्त पढ़ सकते हैं. अन्य लेखों के अतिरिक्त, मुझे इसमें श्री कें.पी एस.गिल का लेख जो सांप्रदायिक दंगो के ऊपर है, दिलचस्प लगा.


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पिछले कुछ दिनों से मुझे ब्लागर.कोम पर संदेश और तस्वीर चढ़ाने में दिक्कत हो रही है. आज इसीलिए कोई तस्वीर नहीं जोड़ पाया. जाने क्या हो जाता है अचानक, बीच बीच में ! कल मुझे विदेश यात्रा पर ८ दिन के जाना है. शायद वापस आने तक यह ठीक हो जाये !

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपने काफी ज्ञानपरक सूचना उपलब्ध करायी है। धन्यवाद।

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  2. आपने काफी ज्ञानपरक सूचना उपलब्ध करायी है। धन्यवाद।

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"जो न कह सके" पर आने के लिए एवं आप की टिप्पणी के लिए धन्यवाद.

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