शनिवार, जुलाई 15, 2006

गिनती

गिनती में तो शुरु से ही कमज़ोर था. एलजेबरा और ट्रिगनोमेट्री का पूछिये ही नहीं, इम्तहान देते समय मालूम नहीं होता था कि पास भी हो पाऊँगा या नहीं. आठवीं कक्षा में आते आते मैं इस बारे में लोगों के ताने सुन सुन कर परेशान हो गया था, शायद इसीलिए फैसला किया था कि डाक्टरी ही पढ़ूँगा, कम से कम गणित से तो छुट्टी मिलेगी.

पर मानव बुद्धि भी अजीब है, एक तरफ़ से गणित से इतना डर और दूसरी तरफ़ से, कुछ भी गिनना हो बहुत आत्मविश्वास से बिना कागज़ या कलम के, बिना केलकूलेटर के, मन में ही मन में जोड़ घटा कर बताने का शौक भी है. जहाँ काम करता हूँ, वहाँ किसी भी यात्रा से वापस लौट कर जब हिसाब देता हूँ तो वित्त विभाग में काम करने वाले माथा पीट लेते हैं. बहुत बारी तो अपनी जेब से ही भरना पड़ता है. कुछ खरीदने जाऊँ तो पैसे ध्यान से गिन कर देता लेता हूँ पर अक्सर कुछ न कुछ गलती हो ही जाती है.

एक तो पहले से ही यह हाल था, उस पर रही सही कसर इस पश्चिमी गिनती के तरीके ने निकाल दी. पश्चिमी देशों में मिलियन, बिलियन (million, billion) होते हैं और भारत में लाख और करोड़, पर आपस में इनके शून्यों की मात्रा नहीं मिलती.
1 लाखः 1,00,000
1 करोड़ः 1,00,00,000
1 मिलियनः 1,000,000
1 बिलियनः 1,000,000,000

अगर भारत की जनसँख्या करीब 1 बिलियन है तो कितने करोड़ हुई?

इतने सारे शून्य देख कर पहले से ही मुझे घबराहट होने लगती है, और गलती होते देर नहीं लगती. मैंने हिसाब कैसे लगाया सुनिये. मैंने सोचा कि सात आठ करोड़ तो सुना है कि शाह रुख खान और आमिर खान एक फ़िल्म में काम करने का लेते हैं, तो करोड़ इतना अधिक भी नहीं हो सकता. यानि 1 बिलियन कम से कम 1000 करोड़ तो होगा.

एक बार कुछ महीनों के लिए चीन में काम पर रहा था, वहाँ तो चार चार शून्यों को जोड़ कर गिनती गिनते हैं जैसे किः
श्रवानः 10,0000
यीबाइवानः 100,0000
यीछयानवानः 1000,0000

आप सोच ही सकते हैं कि मेरा क्या हाल हुआ वहाँ. पढ़ाते हुए जब भी कोई बड़ी सँख्या आती तो अनुवादक के साथ साथ, विद्यार्थी भी हँसी से लोट पोट हो जाते.

बचपन में गणित की मैडम कहती कि मैं बिल्कुल बुद्धू हूँ और जाने क्या होगा मेरा! वो तो किस्मत अच्छी थी कि भगवान ने दिमाग में गिनती का हिस्सा, बाकी हिस्सों से अलग बनाया. खैर जब मैं लाखों करोड़ों की बात करूँ तो आप समझ ही गये होगें की उसे ध्यान से पढ़िये. फ़िर नहीं कहियेगा कि पहले क्यों नहीं बताया.

4 टिप्‍पणियां:

  1. अपनी पूरानी बातें लिखने के लिए धन्यवाद

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  2. main bilkul samajh sakta hun, kyonki mujhe abhi bhi ginti aur vitt-sambandhit kisi bhi cheez se bukhar aata hai. hotel mein bill jodun to har bar alag aata hai.. mera c. a. bahut hansta hoga mujh par!

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  3. आप ही बताएँ अब.. कितना याद रखें. भाई मुझे पता है कि करोड़, अरब या खरब कितने होते हैं लेकिन अच्छा यही है कि करोड़ के बाद मिलियन, बिलियन, ट्रिलियन या क्वाड्रालियन से ही काम चलाया जाए. अब जो शब्दावली आमतौर पर प्रयुक्त होती है वहीं ना आजमाएं.. काहे को नया बनाएं. आप का बचपन कहां बीता यह जानने की उत्सुकता है. आपकी सरल लेखन शैली दिल को लुभाती है. धन्यवाद.

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  4. सुनील जी,
    मेरे ख्याल से आपने यह पोस्ट आपकी पिछली पोस्ट पर हमारी टिप्पणियों के कारण की है। आपकी बातें सच हैं, गिनती के भिन्न भिन्न मात्रक निश्चय ही भ्रमकारक हैं।

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"जो न कह सके" पर आने के लिए एवं आप की टिप्पणी के लिए धन्यवाद.

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