इस बार बात यौन विषय से सम्बंधित है इसलिए सोच समझ कर ही पढ़ियेगा.
जब भी किसी नयी बीमारी की बात सुनने को मिलती है तो मन में पहला विचार आता है कि दवा बनाने वाली कम्पनियों ने पैसे कमाने के लिए कुछ और नया सोचा होगा! नई दवाओं की खोज में बहुत से आदर्शवादी वैज्ञानिक सारा जीवन लगा देते हैं पर वह मुश्किल से करोड़पति बनते हैं, पैसे कमाती हैं दवा बनाने वाली अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियाँ. अगर आप को शेयर बाज़ार की जानकारी हो तो अवश्य जानते होंगे कि हथियार बेचने वाली कम्पनियों की तरह, दवाईयाँ बेचने वाली कम्पनियों के शेयर खूब फायदा देते हैं.
जब यह मालूम पड़े कि नयी बीमारी यौन विषय से सम्बंधित है तो शक और भी बढ़ जाते हैं. जिस बीमारी का इलाज करने के लिए वियाग्रा की गोली बनाई गयी, वह बीमारी हमारे जमाने में चिकित्सा शात्र की पढ़ाई में होती ही नहीं थी. दवा बेचने वालों का पहला काम होता है कि पहले आप को यकीन कराया जाये कि आप को कुछ बीमारी है, उसके बाद उस बीमारी का उपचार भी बाज़ार में मिल जायेगा. वियाग्रा की बिक्री इतनी हुई कि बनाने वाली कम्पनियों ने करोड़ों बटोरे. पिछले वर्ष सुना था कि वे कम्पनियाँ परेशान हैं कि वियाग्रा की गोली केवल पुरुषों के काम आती है, और सोच रही हैं कि कैसे ऐसी बीमारी औरतों के लिए भी बनाई जाये, ताकि उसके लिए भी गोली बेची जा सके.
खैर आज जिस नयी बीमारी की बात कर रहा हूँ वह यौन विषय से ही सम्बंधित है और उसका समाचार अँग्रेजी की प्रतीष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका न्यू साईंटिस्ट (New Scientist) पर निकला है. यह बीमारी कुछ कुछ नींद में चलने की बीमारी से मिलती जुलती है. इसका नाम रखा गया है सेक्सोमनिया, यानि सोते सोते नींद में अपने साथ सोये साथी के साथ यौन सम्पर्क बनाना. जब व्यक्ति जागता है तो उसे मालूम नहीं चलता कि उसने नींद में क्या किया.
केनेडा में पश्चिमी टोरोंटो में एक शौधकर्ता निक त्राजनोविच ने पिछले वर्ष एक सर्वे किया और उनका कहना है कि यह बीमारी बहुत फैली हुई है पर लोग शर्म के मारे इसके बारे में बात नहीं करना चाहते. एक महिला को यह तब मालूम चला कि उसके पति को यह बीमारी है जब उसने देखा कि बीच रात में यौन सम्बंध करने वाला उसका पति, साथ साथ खुर्राटे लेता रहता था. इस बीमारी का शिकार पुरुष और स्त्रियाँ दोनो ही होती हैं.
न्यू हेम्पशायर के मनोवैज्ञानिक माईकल मनगन नें इस विषय पर शौध और बीमारी से ग्रस्त लोगों को सहारा देने के लिए एक अंतर्जाल पृष्ठ बनाया है स्लीपसेक्स डाट ओरग, दूसरी ओर कुछ लोग जिन पर बलात्कार और स्त्रियों से जबरदस्ती यौन सम्बंध बनाने की कोशिश करने का आरोप था, उन्होंने कहा कि दरअसल यह उन्होंने जानबूझ कर नहीं किया, यह तो उनकी सेक्ससोमनिया बीमारी का नतीजा है.
आप ही बताई कि कहाँ तक इसमे सच है? साथ साथ ही सोच रहा था कि हमारे आयुर्वेद के प्राचीन ग्रँथों में क्या इस बीमारी का वर्णन है?
शनिवार, दिसंबर 02, 2006
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1 टिप्पणी:
इस बिमारी के बारे में पहली बार सुन रहा हूँ. अगर इसे मान्यता मिल जाती है, तो इसके काफी बुरे प्रभाव भी सामने आ सकते हैं.
बलात्कारी तब अपराधी न हो कर, मरीज़ बन जाएंगे.
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