समाचार में लिखा है कि विद्यालय की एक अध्यापिका ने विद्यालय कमेटी के इस निर्णय के विरुद्ध हाई कोर्ट में दावा किया पर हाई कोर्ट ने दावा नहीं माना, इस तरह श्री गणेश चंद्र जी अपने नये पद पर कायम हैं.
इस समाचार से खुश होना तो स्वाभाविक ही है, मेरी खुशी और अधिक है क्योंकि बात मेरे विद्यालय की है, जहाँ ग्यारह साल तक पढ़ा था. मैं श्री चंद्र को नहीं जानता, उनके नौकरी पर आने से पहले ही मेरी पढ़ायी समाप्त हो चुकी थी, लेकिन मेरी ओर से उन्हें और हारकोर्ट बटलर विद्यालय की कमेटी को बहुत बधाई.
बिरला मंदिर के साथ बने इस सुंदर विद्यालय की मन में पहले ही बहुत सी सुंदर यादें थीं, उनके साथ यह गर्व भी जुड़ गया.
कुछ वर्ष पहले की इस तस्वीर में हरकोर्ट बटलर विद्यालय का पीछे वाला प्राईमरी स्कूल वाला हिस्सा, बिरला मंदिर से.
सुनिलजी, पुरोहितजी के इस जीवन संघर्ष पर उनका एक छोटा-सा इन्टरव्यू लोकसभा टीवी पर रविवार रात 8:30 बजे ज़रूर देखें।
जवाब देंहटाएंप्रेरणा देने वाला प्रसंग!
जवाब देंहटाएंप्रसंग वास्तव में प्रेरक है।
जवाब देंहटाएंआपका हर पोस्ट उम्दा होता है दीपक जी। हमेशा...
जवाब देंहटाएंसमाज से उनका नाम जाना जाये. रंग भेद, वर्ण भेद, वर्ग भेद, सभी में हम इतने बँटे हैं कि अक्सर किसी की इस तरह की सफलता को छोटा करना चाहते हैं. लोकसभा टीवी तो यहाँ नहीं दिखता पर यह खुशी की बात है कि यह टीवी इस बात को उठा रहा है.
जवाब देंहटाएंपुरोहित जी ने जहां चाह वहाँ राह को सच कर दिखाया!
जवाब देंहटाएंAdarneeya suneel ji,
जवाब देंहटाएंYe to apke liye,ham sabhee ke liye bahut garv ke sath hee prerana prad prasang hai.itnee chhotee see post se unchai tak pahunchane ke liye parishram,lagan,...sabse badhkar imandaree kee jaroorat hotee hai.(yahee aj ke logon men kam hai.)baharhal achchhee post ke liye badhai.
HemantKumar
... बहुत ही प्रेरणास्पद अभिव्यक्ति है।
जवाब देंहटाएंSir bahut achi post hai. Main bhi ussi school se pass out hoon.
जवाब देंहटाएंRegards
Parveen Bhalla
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