बुधवार, दिसंबर 17, 2008

चपरासी से उपअध्यक्ष

दिल्ली से बचपन के मित्र ने समाचार पत्र की कटिंग भेजी है जिसमें लिखा है कि एक व्यक्ति जिसने 33 साल पहले दिल्ली के एक विद्यालय में चपरासी की नौकरी की थी, वही उस विद्यालय के वाईस प्रिसिपल यानि उप अध्यक्ष बने हैं. उस व्यक्ति का नाम है श्री गणेश चंद्र जो 55 वर्ष के हैं और जिन्होंने 1975 में दिल्ली के हारकोर्ट बटलर विद्यालय में चपरासी की नौकरी से जीवन प्रारम्भ किया था. उस समय वह मैट्रिक पास थे. उसके बाद धीरे धीरे उन्होंने बीए, एमए, बीएड, एमएड की डिग्री ली.

समाचार में लिखा है कि विद्यालय की एक अध्यापिका ने विद्यालय कमेटी के इस निर्णय के विरुद्ध हाई कोर्ट में दावा किया पर हाई कोर्ट ने दावा नहीं माना, इस तरह श्री गणेश चंद्र जी अपने नये पद पर कायम हैं.

इस समाचार से खुश होना तो स्वाभाविक ही है, मेरी खुशी और अधिक है क्योंकि बात मेरे विद्यालय की है, जहाँ ग्यारह साल तक पढ़ा था. मैं श्री चंद्र को नहीं जानता, उनके नौकरी पर आने से पहले ही मेरी पढ़ायी समाप्त हो चुकी थी, लेकिन मेरी ओर से उन्हें और हारकोर्ट बटलर विद्यालय की कमेटी को बहुत बधाई.

बिरला मंदिर के साथ बने इस सुंदर विद्यालय की मन में पहले ही बहुत सी सुंदर यादें थीं, उनके साथ यह गर्व भी जुड़ गया.




कुछ वर्ष पहले की इस तस्वीर में हरकोर्ट बटलर विद्यालय का पीछे वाला प्राईमरी स्कूल वाला हिस्सा, बिरला मंदिर से.

9 टिप्‍पणियां:

Dipti ने कहा…

सुनिलजी, पुरोहितजी के इस जीवन संघर्ष पर उनका एक छोटा-सा इन्टरव्यू लोकसभा टीवी पर रविवार रात 8:30 बजे ज़रूर देखें।

Poonam Misra ने कहा…

प्रेरणा देने वाला प्रसंग!

दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi ने कहा…

प्रसंग वास्तव में प्रेरक है।

मानसी ने कहा…

आपका हर पोस्ट उम्दा होता है दीपक जी। हमेशा...

Sunil Deepak ने कहा…

समाज से उनका नाम जाना जाये. रंग भेद, वर्ण भेद, वर्ग भेद, सभी में हम इतने बँटे हैं कि अक्सर किसी की इस तरह की सफलता को छोटा करना चाहते हैं. लोकसभा टीवी तो यहाँ नहीं दिखता पर यह खुशी की बात है कि यह टीवी इस बात को उठा रहा है.

नितिन | Nitin Vyas ने कहा…

पुरोहित जी ने जहां चाह वहाँ राह को सच कर दिखाया!

हेमंत कुमार ♠ Hemant Kumar ने कहा…

Adarneeya suneel ji,
Ye to apke liye,ham sabhee ke liye bahut garv ke sath hee prerana prad prasang hai.itnee chhotee see post se unchai tak pahunchane ke liye parishram,lagan,...sabse badhkar imandaree kee jaroorat hotee hai.(yahee aj ke logon men kam hai.)baharhal achchhee post ke liye badhai.
HemantKumar

श्याम कोरी 'उदय' ने कहा…

... बहुत ही प्रेरणास्पद अभिव्यक्ति है।

parveenbhalla ने कहा…

Sir bahut achi post hai. Main bhi ussi school se pass out hoon.


Regards

Parveen Bhalla
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