रविवार, मई 28, 2006

बोलोनिया चिट्ठाकार मिलन

इटली में रहने वाले हिंदी में चिट्ठा लिखने वाले सभी लोग एक हिंदी चिट्ठाकार मिलन समारोह के लिए आज इक्ट्ठे हुए. यानि, हम तो यहाँ रहते ही हैं, कामेरीनो से मिश्र जी बोलोनिया आ गये तो सभी चिट्ठाकारों को साथ होने में क्या देर लगती. आये कुछ तरसा तरसा कर, इंतज़ार करा कर, पर आ कर थोड़ी देर में सब का मन जीत लिया.

मेरी पत्नी बोली, कैसा चौड़ा माथा है, अवश्य बहुत बुद्धिमान है! मैंने सोचा कि यूँ ही साहब अपने आप को बहुत बहादुर समझते हैं, साथ में यह भी बता दिया कि हमारी श्रीमति जी क्या कहती हैं, कहीं खुशी से इतना न फ़ूल जायें कि कोई और तकलीफ हो जाये.

खैर राम यानि आर.सी ने अपने ग्रामीण बचपन के खेलों के बारे में बहुत सी गुप्त जानकारी दी. फसलों, खेतों का उन्हें बहुत ज्ञान है. पर ऐसा नहीं कि हमने सब बातें केवल खेतों खलिहानों की ही की, कुछ हिंदी चिट्ठा जगत के बारे में भी विवेचना की, एक दूसरे के जानने वाले चिट्ठा लिखने वालों के बारे में अपने अनुभवों तथा विचारों का आदान प्रदान किया. राम ने चिट्ठे में स्लाईड कैसे लगायें, इस पर कुछ जानकारी दी.

राम के बोलोनिया में बिताये कुछ घँटे इस स्लाईड शो में देखिये और इन तीन प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करियेः
तस्वीर नम्बर एक में वह किस पौधे की तस्वीर ले रहे हैं ?
तस्वीर नम्बर दो में वह किस फ़ल को पेड़ से तोड़ कर खा रहे हैं ?
तस्वीर नम्बर तीन में वह कौन सा गैर कानूनी काम कर रहे हैं ?

7 टिप्‍पणियां:

  1. 'इस स्लाईड शो' से आपका मतलब किस स्लाईड शो से है

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  2. उन्मुक्त जी यह तो आप ने बहुत परेशानी में डाल दिया. अब हम सोच रहे हैं कि यह जो चिट्ठे में तस्वीरें घूम रही हैं यह सचमुच हैं या केवल हमारा भ्रम है ? या हो सकता है कि ब्राउसर की वजह से स्लाईड शो न देख पा रहे हों ? शायद मिश्र जी को इसका इलाज मालूम हो!
    सुनील

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  3. बहुत बहुत बधाई,
    ये यूरोप का पहला हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन हुआ।

    मजा आ गया। स्लाइड शों का तो कहना ही क्या, इफ़ैक्ट बहुत धांसू है।

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  4. लगता है कि यह Operating System के कारण है| RH-4 मे तो बिलकुल दिखायी नहीं पड़ रहा है और Fedora-5 मे थोड़ी देर के लिये दिखता है फिर बन्द हो जाता है
    जीतू जी कह रहें हैं तो Windows मे जरूर दिखायी पड़ रहा होगा|
    लगता है किसी कमप्यूटर गुरू को पकड़ना होगा|

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  5. वाह!!

    चलिये जवाब देने की कोशिश करते हैं:

    १.इत्ती दूर से तो कोई दिखे ना है जी.

    २. फ़ल शायद "शहतूत" होना चाहिये (मिश्रा जी के ब्लाग में पास वाला फ़ोटू देखा)

    ३. अगर ये बता दिया जाय कि क्या काम कर रहे हैं तो ऐण्टी पायरेसी वाले पीछे नहीं पड़ जायेंगे क्या?

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  6. अरे एक बात कहना तो मैं भूल गया।

    मिश्रा जी कहीं हमारी तरह वाले बुद्धिमान तो नहीं - हमारा माथा भी काफ़ी चौड़ा है - और चौड़ा होता जा रहा है - (ये बात और है कि ऐसा गायब होते बालों की वजह से हो रहा है ;) )

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  7. बहुत अछ्छा लगा यह पढकर। वेसे यहाँ अमदावाद मे हम तरकश वाले ब्लोगर बहुत बार मिलते है। आशा करता हू की आपका यह युरोपियन ब्लोगर समूह ओर फूले फाले। इटाली - युरोप के बारे मे एसे ही जानकारी देते रहे।

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"जो न कह सके" पर आने के लिए एवं आप की टिप्पणी के लिए धन्यवाद.

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