कबूतर और कौए
शाम को कुत्ते के साथ सैर से वापस आ रहा था कि बैंच पर चिपके कागज़ को देख कर रुक गया. बाग में पत्थर के कई बैंच बने हैं जहाँ गरमियों में लोग शाम को बाहर बैठ कर अड़ोसियों पड़ोसियों से गप्प बाजी करते हैं. कागज़ पर लिखा था, "मैं रोज़ यह बैंच साफ करती हूँ ताकि हम लोग यहाँ बैठ कर बातचीत कर सकें, पर कबूतरों की बीट से यह इतना गन्दा हो जाता है कि सफाई करना कठिन हो गया है. मैंने पहले भी इस बारे में कहा था पर शाँति से कोई बात की जाये तो शायद समझ में नहीं आती. तो मुझे अन्य तरीके भी आते हैं. कबूतरों को खाना देना कानूनी जुर्म है. एक औरत को इसके लिए 500 यूरो का जुर्माना देना पड़ा था. मैं भी पुलिस में रिपोर्ट कर सकती हूँ." पढ़ कर थोड़ी सी हँसी आई. कुछ कबूतरों की बीट के लिए इतना तमाशा! अगर आप कभी अपार्टमेंट में रहे हैं तो साथ रहते हुए पड़ोसियों के झगड़े छोटी छोटी बात पर भी कितने बढ़ सकते हें, इसका अंदाज़ा आप को हो सकता है. जहाँ हम रहते हैं वहाँ भी कुछ न कुछ झगड़े चलते ही रहते हैं. अभी तक रात को शोर मचाने का, ऊपर बालकनी से कालीन झाड़ने का और नीचे वालों के घर गंदा करने का, पार्किग में बाहर के लोगों की कार