विभिन्नता का गर्व
हर वर्ष की तरह फ़िर से बहस हो रही है कि वार्षिक समलैंगिक गर्व परेड को शहर में प्रदर्शन की अनुमति दी जाये या नहीं. करीब तीस साल पहले, 1978 में बोलोनिया में पहली समलैंगिक केंद्र खुला था, जो इटली में अपनी तरह का पहला केंद्र था. तब से बोलोनिया ने खुले, सहिष्णु शहर की ख्याती पायी है पर इस सब के बावजूद हर वर्ष वही बहस, यानि कि बहुत से लोगों के मन में बसे विचार जो समलैंगिगता को गलत मानते हैं और उसे स्वीकार नहीं करना चाहते, वह बहुत गहरे हैं और इतनी आसानी से नहीं बदलते. कुछ लोग कहते हैं कि मान लिया कि समलैंगिक लोग भी हैं, उनके अधिकार भी हैं पर वह चुपचाप अपने आप में क्यों नहीं रहते, उनका इस तरह सड़क पर "गर्व परेड" करने का क्या अर्थ है? यानि अगर रहना ही है तो चुपचाप रहिये, शोर नहीं मचाईये, न ही सबके सामने उछालिये कि आप विभिन्न हैं, कोई आप को कुछ नहीं कहेगा. पर यह सच नहीं है. समाज में बहुत भेदभाव है, जब तक दब कर, चुप रह कर, छुप कर रहो, वह भेदभाव सामान्य माना जाता है, उससे लड़ना संभव नहीं होता. अगर मिलिटरी वाले परेड कर सकते हैं, पुलिस, स्काऊट, सर्कस वाले, कलाकार, विभिन्न श्रेणियों के लोग सब