एक प्रेमकथा का किस्सा
कुछ दिन पहले "जूलियट की चिठ्ठियाँ" (Letters to Juliet, 2010) नाम की फ़िल्म देखी जिसमें एक वृद्ध अंग्रेज़ी महिला (वेनेसा रेडग्रेव) इटली के वेरोना शहर में अपनी जवानी के पुराने प्रेमी को खोजने आती है. इस फ़िल्म में रोमियो और जूलियट की प्रेम कहानी से प्रेरित हो कर दुनिया भर से उनके नाम से पत्र लिख कर भेजने वाले लोगों की बात बतायी गयी है. यह सारी चिठ्ठियाँ वेरोना शहर में जूलियट के घर पहुँचती हैं, जहाँ काम करने वाली युवतियाँ उन चिठ्ठियों को लिखने वालों को प्रेम में सफल कैसे हों, इसकी सलाह देती हैं. रोमियो और जूलियट (Romeo and Juliet) की कहानी को अधिकतर लोग अंग्रेज़ी नाटककार और लेखक विलियम शेक्सपियर (William Shakespeare) की रचना के रूप में जानते हैं, जिसे उन्होंने 1594-96 के आसपास लिखा था. शरतचन्द्र की "देवदास" की तरह, "रोमियो और जूलियट" की कहानी पर भी बहुत सारी फ़िल्में बनी हैं, जिनमें से मेरी सबसे प्रिय फ़िल्म इतालवी निर्देशक फ्राँको ज़ाफीरेल्ली (Franco Zeffirelli, 1968) ने बनायी थी. शेक्सपियर की यह कहानी उत्तरी इटली के शहर वेरोना में घटती है. कथा की नायि