रेखाचित्रों में स्मृतियाँ (भाग 2)
1980 में जब छात्रवृति ले कर इटली आया था तो वेनिस के पास विचेन्ज़ा नाम के शहर में रहता था. तब मेरे पास कैमरा नहीं था लेकिन एक डिज़ाईन पुस्तिका थी, जिसमें मैं रेखाचित्र बनाता था. कुछ दिन पहले तैंतीस साल पुरानी वह डिज़ाईन पुस्तिका हाथ में आ गयी. उसे देख कर, बहुत सी पुरानी बातें याद आ गयीं. दिसम्बर में एक दिन मैं विचेन्ज़ा वापस लौटा और उन सब जगहों को देखने गया जहाँ मैं प्रारम्भ के दिनों में घूमा था और चित्र बनाये थे. यह उसी स्मृति यात्रा के विवरण का दूसरा भाग है. ( पहला भाग ) *** विचेन्ज़ा शहर के पास एक पहाड़ी है, जिसका नाम है मोन्ते बेरिको (Monte Berico), यानि बेरिको की पहाड़ी. वहाँ एक मध्ययुगीन गिरज़ाघर बना हुआ है. ऊपर पहाड़ी से शहर का विहँगम दृश्य दिखता है और शहर की पृष्ठभूमि में बर्फ़ से ढके एल्पस पहाड़ भी दिखते हैं. मुझे पहाड़ी पर जाना बहुत अच्छा लगता था. अक्सर अँधेरे मुँह सुबह उठ कर ऊपर तक जाता और सूर्योदय की प्रतीक्षा करता जब उगते सूर्य की लालिमा से एल्पस पर्वत बहुत सुन्दर लगते. सुबह जाने का यह फायदा भी था कि अन्य लोगों की भीड़ नहीं होती थी. भारत में गर्मी की वजह से सुबह घूमने जाना