भूले हुए शहर
आज शाम को रिजु वापस जर्मनी चला जायेगा. आज सुबह, अगर वह जल्दी उठ जाये तो उसे बोलोनिया के पुराने बंदरगाह को दिखाने का वायदा किया है. समुद्र तट से १०० किलोमीटर दूर बोलोनिया में बंदरगाह भी होगा, कोई सोचता नहीं है. बोलोनिया की नगर पालिका शहर के इतिहास के बारे में यहाँ के नागरिकों को बताने के लिए अक्सर "रिस्कोपरीरे बोलोनिया" यानि "बोलोनिया को फ़िर से जानिये" नाम से शहर के साईकल टूर की योजना करती है. जो लोग इसमे भाग लेना चाहें वे अपनी साइकल ले कर सुबह शहर के किसी भाग में मिलते हैं और शहर के बड़े बूढे इतिहासकारों की मदद से अपने शहर के इतिहास की छोटी बड़ी घटनाओं के बारे में जान पाते हैं. ऐसे ही एक टूर में मैंने जाना कि बोलोनिया कभी नहरों के जाल से भरा शहर था. इन्हीं नहरों से आयी थी बोलोनिया की समृद्धी जब करीब चार सौ साल पहले बोलोनिया का सिल्क सारे विश्व में मशहूर था. तब शहर के बीचों बीच एक नहर पर बंदरगाह था जहाँ जहाज़ आते थे और यहाँ से सिल्क ले कर सारे संसार में जाते थे. फ़िर धीरे धीरे समय के बदलने के साथ इन नहरों और बंदरगाह की भूमिका बदलती गयी, उनका उपयोग कम होता गया और उन नह