संदेश

फ़रवरी, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मानव और पशु

चित्र
सुबह बाग में अपने कुत्ते के साथ सैर कर रहा था तो अचानक दूर से कुछ कुत्तों के भौंकने और लोगों के चिल्लाने की आवाज़ सुनायी दी. आगे बढ़ने पर दो आदमी ऊँची आवाज़ में बहस करते दिखे, दोनो के हाथ में उनके कुत्तों की लगाम थी जिसे वह ज़ोर से खींच कर पकड़े थे. दोनो कुत्ते बड़े बुलडाग जैसे थे, और एक दूसरे की ओर खूँखार दाँत निकाल कर गुर्रा रहे थे. हमारा कुत्ता छोटा सा है और बहुत बूढ़ा भी. डर के मारे मैं वापस मुड़ गया, यह सोच कर कि दूसरी ओर सैर करना बेहतर होगा. मुझे वापस आता देख कर एक सज्जन जिनसे अक्सर बाग में दुआ सलाम होता रहता है और जिनकी छोटी कुत्तिया हमारे कुत्ते से भी छोटी है, मुस्करा कर बोले, "कुत्ते में टेस्टोस्टिरोन का हारमोन होता है, उससे वह अपने आप पर काबू नहीं रख पाते. कुत्तिया देखते हैं तो उस पर तुरंत डोरे डालने की कोशिश करते हैं और दूसरे कुत्तों से लड़ाई करते हैं. अब जब कुत्ता पाला है तो यह तो होगा ही, इसमें लड़ने की क्या बात है? यह तो कुत्तों की प्रकृति है. अगर कुत्तों का आपस में लड़ना पसंद नहीं है तो या तो उनका आपरेशन करके उनके अन्डकोष निकलवा दो, इससे टेस्टोस्टिरोन बनना बन्द हो जायेगा

अनैतिक राजनीति

चित्र
आजकल रामचन्द्र गुहा की पुस्तक " देशभक्त और अन्धभक्त " (Patriots & Partisans, Allen Lane India, 2012) पढ़ रहा हूँ. मुझे गुहा के लिखने की शैली अच्छी लगती है. उनकी स्पष्ट और सीधी लेखन शैली में जटिल विचारों को सरलता से अभिव्यक्त करने की क्षमता है. यह बात नहीं कि मैं उनकी हर बात से सहमत होऊँ, लेकिन वह मुझे सोचने को विवश करते हैं. उनकी किताब के शीर्षक में "पार्टीज़ान" (Partisan) शब्द है जिसके कई अर्थ हो सकते हैं. देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वालों को भी पार्टीज़ान कहते हैं, और किसी बात पर एक तरफ़ा सोचने वाले, या अन्धभक्तों को भी पार्टीज़ान कहते हैं. उनकी इस किताब में बातें आज कल के भारत के बारे में हैं, जहाँ कुछ वह लोग भी हैं जो, टीवी स्टूडियो, आत्मप्रचार और प्रसिद्धी से दूर, जन सामान्य के बीच में रह कर काम करने वाले हैं. दूसरी ओर, वह बात करते हैं उनकी जो देश का शोषण करके या धर्म या जाति के नाम पर विभिन्न मुद्दों पर जनता को भड़का कर अपनी जेबें भरने में लगे हैं. पुस्तक में भारत में होने वाले भ्रष्टाचार के इतिहास की भी बात है कि कैसे समय के साथ हमारी राजनीति बेशर्