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फ़रवरी, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

एक अन्य अयोध्या

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भारत में तो अयोध्या देखने का अभी तक मौका नहीं मिला पर जब थाईलैंड में वहाँ की अयोध्या के बारे में सुना तो निश्चय किया कि अवश्य देखने जाऊँगा. हिंदु धर्म और भारतीय संस्कृति का थाईलैंड पर बहुत प्रभाव है जिसका एक उदाहरण वहाँ का राजपरिवार है जहाँ हर राजा को राम का नाम दिया जाता है. आज के थाई राजा श्री भूमिबोल जिन्होंने सन 1950 में राज शासन सँभाला, उन्हें "राम नवम" के नाम से भी जाना जाता है. अठारहवीं शताब्दी तक थाईलैंड की राजधानी थी प्राचीन शहर अयोध्या जिसे थाई भाषा में अयुथ्या भी कहते हैं. पूछा तो मालूम चला कि अयोध्या शहर बैंकाक से करीब 80 किलोमीटर दूर है, पर उस सड़क पर यातायात बहुत होने से यात्रा का समय दो घँटे तक हो सकता है. बैंकाक से स्थानीय रेलगाड़ी भी मिलती है अयोध्या जाने के लिए पर उसमें भी दो घँटे लगते हैं. दिक्कत यह थी कि मैं बैंकाक काम पर आया था और दिन भर कहीं जाने का समय नहीं मिलता था. बस एक रविवार की सुबह ही थी जिस दिन खाली था पर उस दिन भी, दोपहर को एक बजे किसी को मिलना था. रविवार को सुबह छह बजे ही होटल से निकला और फटफटिया ले कर विक्टरी मोनूमैंट पहुँचा जहाँ से अयोध्या

वास्तुशिल्प से सभ्यता को जानना

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भारत से मित्र आते हें तो उनकी अपेक्षा होती है कि उन्हें घुमाने ले जाया जाये और जब मैं उन्हें कोई गिरजाघर दिखाने जाता हूँ तो एक दो गिरजाघर देख कर थोड़ा बोर से हो जाते हैं, कहते हैं यार कुछ और दिखाओ. उनकी नज़र में गिरजाघर एक धार्मिक जगह होती है और उन्हें लगता है कि एक देखा तो मानो सभी देख लिये. फ़िर पूछते हैं यहाँ कोई महल, किले आदि नहीं हैं क्या? कभी समझाने की कोशिश करुँ कि इटली ही नहीं, यूरोप के प्राचीन गिरजाघरों में पश्चिमी समाज की कला, इतिहास, संस्कृति और सभ्यता की वह झलकें मिल सकती हैं जो अन्य किसी महल, किले में नहीं मिलेंगी तो लोग विश्वास नहीं करते. यूरोप में कैथोकिल ईसाई धर्म में धर्म और शासन दोनों मिले हुए थे, कई सदियों तक पोप धर्मनेता होने के साथ साथ शासन भी करते थे, यह बात सबको नहीं मालूम होती. इसी कारण, गिरजाघर केवल धर्म का इतिहास नहीं बताते बल्कि राज्य कैसे बना, कैसे बदला, उसका क्या प्रभाव पड़ा, यह सब बातें भी बता सकते हैं. यूरोप की बहुत सी चित्रकला, शिल्पकला आदि का विकास धर्म के विकास से जुड़ा है, और इनके सर्वश्रेष्ठ नमूने गिरजाघरों में ही बने. लियोनार्दो द विंची, माईकलएंजेल