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जीवन बदलने वाली शिक्षा

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शिक्षा को जीवन की व्यवाहरिक आवश्यकताओं को पाने के माध्यम, विषेशकर नौकरी पाने के रास्ते के रूप मे देखा जाता है. यानि शिक्षा का उद्देश्य है लिखना, पढ़ना सीखना, जानकारी पाना, काम सीखना और जीवन यापन के लिए नौकरी पाना. शिक्षा के कुछ अन्य उद्देश्य भी हैं जैसे अनुशासन सीखना, नैतिक मू्ल्य समझना, चरित्रवान व परिपक्व व्यक्तित्व बनाना आदि, लेकिन इन सब उद्देश्यों को आज शायद कम महत्वपूर्ण माना जाता है. ब्राज़ील के शिक्षाविद् पाउलो फ्रेइरे (Paulo Freire) ने शिक्षा को पिछड़े व शोषित जन द्वारा सामाजिक विषमताओं से लड़ने तथा स्वतंत्रता प्राप्त करने के माध्यम की दृष्टि से देखा. इस आलेख में पाउले फ्रेइरे के विचारों के बारे में और उनसे जुड़े अपने कुछ व्यक्तिगत अनुभवों की बात करना चाहता हूँ. पाउलो फ्रेइरे के विचारों से मेरा पहला परिचय 1988 के आसपास हुआ जब मैं पहली बार ब्राज़ील गया था. उस समय मेरा काम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण से जुड़ा था, तब शिक्षण का मेरा सारा अनुभव लोगों को लैक्चर या भाषण देने का था, जिस तरह से मैंने स्वयं स्कूल और मेडिकल कोलिज में अपने शिक्षकों तथा प्रोफेसरों को पढ़ाते