सोमवार, जून 13, 2005

बिब्योने की छुट्टियँ।

मारको और ब्रान्दो

आज से यह ब्लोग शुशा फौंट में नहीं बल्कि युनीकोड में रघु फौंट मे लिखा जायेगा. हिन्दी वेबरिंग के
देबआशिष ने इस ब्लोग को ठीक करने की कुछ कोशिश की तो उसी से युनीकोड के बारे में मालूम हुआ पहले तो सोचा कि कौन सीखेगा इस नये कीबोर्ड को पर कुछ कोशिश कर के देखा तो लगा कि इसमे लिखना खास कठिन नहीं है.


रघु में लिखना शुशा के मुकाबले मे अधिक आसान है बस अभी कुछ वोकलस् लिखना समझ नहीं आया
आज हम लोग बिब्योने मे जो उत्तरी इटली मे वेनिस के करीब है, वहाँ छुट्टियों मे आये हैं. आज ही यहाँ पहुँचे हैं, अब अगले दिनों मे हिन्दी लिखने का अभ्यास करने का समय मिलेगा.

1 टिप्पणी:

  1. आपका हिंदी ब्लागजगत में स्वागत है। सारी पोस्ट बहुत अच्छी हैं।विश्वास है कि आपके लेख नियमित पढ़ने को मिलेंगे। अक्षरग्राम देखें । यदि हो सके तो लेख लिखें -माज़रा क्या है? पर।

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"जो न कह सके" पर आने के लिए एवं आप की टिप्पणी के लिए धन्यवाद.

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