सुबह ६ बजे नींद खुली, नाश्ता किया और ब्रान्दो के साथ सैर को निकल गया, लाईट हाऊस की तरफ. रास्ते में पाइन के पेड़ों की और उनके पीछे दिख रहे समुद्र की बहुत सारी तस्वीरें खींचीं. लाईट हाऊस पहुँच कर पाया कि वहाँ एक इतालवी टी. वी. फिल्म की [फिल्म का नाम था "समुद्र के सामने ज़ुर्म"] शूटिगं चल रही थी इस लिये वह सब रास्ता बंद कर दिया गया था.
पर वहाँ कोई भीड़ भड़्क्का नहीं था शूटिंग देखने के लिये शायद इसलिये भी कि बिब्योने के टूरिस्ट भिन्न भिन्न यूरोपी देशों से आये हैं और शायद उन्हें इतालवी फिल्मी सितारों में कोई दिलचस्पी ही नहीं है?
ब्रान्दो के साथ सैर पर जाने का यह फायदा होता है कि रास्ते में मिलने वाले सभी कुत्ता स्वामियों से सलाम या कम से कम थोड़ी मुस्कुराहट तो हो ही जाती है. जब भी कोई कुत्ता दिखता है मेरा पहला सवाल होता है "मास्कियो ओ फैम्मिना?" यानी पुरुष कुत्ता या स्त्री कुत्ता?
पुरुष कुत्तों से ब्रान्दो की बिल्कुल नहीं बनती इस लिये रुकने का सवाल ही नहीं होता. स्त्री कुत्तों के स्वामियों से अवश्य कुछ बात हो जाती है. आज इस पुरुष और स्त्री जाँच मे भाषा की बाधा बार बार आ रही थी क्योंकि कोई पोलिश बोलने वाला तो कोई जर्मन या हन्गेरियन या अन्य पूर्वी यूरोप भाषी.
ढ़ाई घँटे के बाद घर वापस लौटे तो मेरी और ब्रान्दो दोनो की हालत खस्ता हो रही थी.
ढ़ाई घँटे के बाद घर वापस लौटे तो मेरी और ब्रान्दो दोनो की हालत खस्ता हो रही थी.
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