छुट्टियाँ खत्म हो गयीं और हम सब वापस बोलोनिया आ गये हैं. घर आ कर अज़ीब लग रहा है. यहाँ गरमी भी है और उमस भी यूँ कि जी घबरा जाये. बिबियोने मे समय का अहसास ही मिट गया था, चाहे जितने बजे उठो, चाहे जितने बजे खाना खाओ, बस सैर, तैरना, सोना और देर तक अखबार पढ़ना. घर वापस आ कर कुछ अज़ीब लगता है, फ़िर से वही घड़ी की तानाशाही और भागम भाग.
घर वापस आ कर टेलीफ़ोन की आनसरिंग मशीन पर अंजोर और मिन्नी दीदी का मैसेज. मिन्नी दीदी आजकल अमरीका में हैं.
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