बोलोनिया की स्टीर्ट रेव फैस्टीवल के मज़े
हर साल की तरह, इस साल भी गरमियों का मतलब की बोलोनिया मे रोज़ भिन्न भिन्न नाटक, नृत्य, फ़िल्म आदि के प्रोग्राम होते हैं. कल रात को मैं स्टीर्ट रेव फैस्टीवल मे गया. रेव फ़ैस्टीवल का अर्थ है कि सड़कों पर संगीत हो और सब लोग मिल कर नाचें. इस वर्ष यस फैस्टीवल कल २५ जून को शुरु हुआ और आज रात को करीब आधी रात तक स्माप्त होगा. इससे पहले इस रैव फैस्टीवल के बारे में केवल सुना था क्योंकि शहर के बहुत से लोग इसके खिलाफ़ हैं, उनके ख़्याल से यह केवल गन्दगी फ़ैलाने, शोर मचाने और तोड़ फ़ोड़ करने का बहाना है.
जब मारगेरीता बाग पहुँचा जहाँ आस फैस्टीवल का प्रारम्भ होना था, दूर से ही संगीत सुनायी दे रहा था. करीब पहुँच कर तो संगीत इतना तेज़ कि कान के परदे हिल जायें. लोग, अधिकतर जवान लड़के और लड़कियाँ गरमी के मारे कपड़े उतार जोर शोर से नाच रहे थे, बियर पी रहे थे और कहीं कोई मारिजुआना जैसे नशे में मग्न थे. कुछ होली जैसा माहोल लग रहा था. सबसे बड़ी मुसीबत थी तेज़ संगीत का शोर, इसीलिये मैं आधे घंटे में ही पस्त हो कर वहाँ से लौट आया. सच है कि ये सब मज़े तमाशे एक उम्र तक ही शोभा देते हैं.
आज से मेरा ब्लौग ब्लौगर.कौम में शिफ्ट हौ गया है. पहले तो इस बारे में मुझे बहुत डर लग रहा कि कैसे होगा पर फिर हिन्दी वेबरिंग के देबाशीष की मदद से सब कुछ हो गया.
हर साल की तरह, इस साल भी गरमियों का मतलब की बोलोनिया मे रोज़ भिन्न भिन्न नाटक, नृत्य, फ़िल्म आदि के प्रोग्राम होते हैं. कल रात को मैं स्टीर्ट रेव फैस्टीवल मे गया. रेव फ़ैस्टीवल का अर्थ है कि सड़कों पर संगीत हो और सब लोग मिल कर नाचें. इस वर्ष यस फैस्टीवल कल २५ जून को शुरु हुआ और आज रात को करीब आधी रात तक स्माप्त होगा. इससे पहले इस रैव फैस्टीवल के बारे में केवल सुना था क्योंकि शहर के बहुत से लोग इसके खिलाफ़ हैं, उनके ख़्याल से यह केवल गन्दगी फ़ैलाने, शोर मचाने और तोड़ फ़ोड़ करने का बहाना है.
जब मारगेरीता बाग पहुँचा जहाँ आस फैस्टीवल का प्रारम्भ होना था, दूर से ही संगीत सुनायी दे रहा था. करीब पहुँच कर तो संगीत इतना तेज़ कि कान के परदे हिल जायें. लोग, अधिकतर जवान लड़के और लड़कियाँ गरमी के मारे कपड़े उतार जोर शोर से नाच रहे थे, बियर पी रहे थे और कहीं कोई मारिजुआना जैसे नशे में मग्न थे. कुछ होली जैसा माहोल लग रहा था. सबसे बड़ी मुसीबत थी तेज़ संगीत का शोर, इसीलिये मैं आधे घंटे में ही पस्त हो कर वहाँ से लौट आया. सच है कि ये सब मज़े तमाशे एक उम्र तक ही शोभा देते हैं.
आज से मेरा ब्लौग ब्लौगर.कौम में शिफ्ट हौ गया है. पहले तो इस बारे में मुझे बहुत डर लग रहा कि कैसे होगा पर फिर हिन्दी वेबरिंग के देबाशीष की मदद से सब कुछ हो गया.
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