गुरुवार, जुलाई 07, 2005

काल्पनिक यात्रा

काल्पनिक यात्रा
अगले सप्ताह मुझे एकुआडोर जाना है. वहाँ जन स्वाथ्य अभियान की अंतरराष्ट्रीय सभा हो रही है, देश के दक्षिणी भाग में स्थित शहर कुएंका में. ञेरा विचार है कि देश की राजधानी कीटो में पहँच कर वहाँ से कुएंका तक की यात्रा बस में करुँ, रास्ते में छोटे शहरों या गावों में रुक रुक कर. १३ तारीख को कीटो पहुँच जाऊँगा और १६ तारीख को कुएंका पहुँचना है तो इसका मतलब है कि खीटो से कुएंका की यात्रा मैं २-३ दिनों में आराम से कर सकता हूँ. यात्रा में जाने से पहले काल्पनिक यात्रा के अपने ही मजे हैं. यहाँ के पुस्तकालय से मैं एकुआडोर की पर्यटन की एक पुस्तक ले कर आया हूँ जिसमें अपनी यात्रा की योजना बना रहा हूँ.


साला बोरसा, बोलोनिया का अनौखा पुस्कालय
साला बोरसा एक बहुत पुरानी इमारत है बोलोनिया शहर के सबसे प्रमुख पियात्सा में जिसका नाम है पियात्सा माजोरे (पियात्सा यानि खुली चकोर-आकार की जगह. इटली में में, ऐसी खुली जगहों की समाज की सामुदायिक जिन्दगी में बहुत महत्व है जहाँ लोग मिलते हैं, बैठते हैं, बातें करते हैं), करीब दो हज़ार साल पुरानी. इस पुरानी इमारत का पुराना रुप कायम रखते हुए इसे अंदर से बिल्कुल नया बनाया गया है. इसका फर्श पारदर्शी है जिसके उपर चलते हुए आप फर्श के नीचे के पुराने रोमन खंडहर देख सकते हैं. इस पुस्तकालय में केवल किताबें ही नहीं, डीवीडी, कम्प्यूटर की सीडीरोम, संगीत की सीडी भी ले सकते हैं. सब कुछ बिना किसी शुल्क के. कभी बोलोनिया आने का मौका मिले तो यहाँ के साला बोरसा को देखना न भूलियेगा. यह मत सोचियेगा कि भला पुस्कालय भी क्या कोई देखनी की चीज़ है.


आज भी दो तस्वीरें प्रस्तुत हैं बोलोनिया शहर की - साला बोरसा पुस्तकालय के बाहर एक प्रदर्शनी और प्राचीन सान्तो सतेफानो चर्च का एक दृश्य


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"जो न कह सके" पर आने के लिए एवं आप की टिप्पणी के लिए धन्यवाद.

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